जींद डिपो बसें चलाने को तैयार, आज मिल सकती है मुख्यालय से अनुमति
लॉकडाउन के पिछले 55 दिनों से थमे जींद डिपो की बसों के पहिये अब जल्द ही घूमने जा रहे हैं। दूसरे चरण में जींद डिपो की बसों को चलाने की अनुमति मुख्यालय से शनिवार को आ जाएगी।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
लॉकडाउन के पिछले 55 दिनों से थमे जींद डिपो की बसों के पहिये अब जल्द ही घूमने जा रहे हैं। दूसरे चरण में जींद डिपो की बसों को चलाने की अनुमति मुख्यालय से शनिवार को आ जाएगी। इसके बाद जींद डिपो की बसें भी चंडीगढ़, पंचकूला, भिवानी और रोहतक समेत कुछ दूसरे रूटों पर चलने लगेंगी। वहीं दूसरी तरफ भिवानी डिपो से पंचकूला के लिए निकली बस जींद बस अड्डे पर आने की बजाय बाईपास से होते हुए निकल गई, क्योंकि जींद से किसी भी यात्री ने पंचकूला के लिए टिकट बुक नहीं करवाई थी।
प्रथम चरण में प्रदेश के लगभग 10 डिपो को रोडवेज बसें चलाने की अनुमति दी गई थी। जींद डिपो को दूसरे चरण में रखा गया है। सरकार द्वारा शुरूआत में कुछ ही रूटों पर बसों को चलाया जा रहा है। इनमें चंडीगढ़ और पंचकूला के रूट प्रमुख हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में कोरोना का प्रकोप कम होगा, वहां भी बसें जाएंगी। बसों में बैठने के लिए यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुक करवानी होंगी। जिन यात्रियों की टिकट कन्फर्म होगी, केवल उन्हीं लोगों को बस अड्डा और बस में बैठने की परमिशन दी जाएगी। प्रथम चरण के बाद दूसरे चरण में बसों को चलाने के लिए शुक्रवार को विभाग की तरफ से लैटर जारी होगा। इसलिए जींद डिपो ने अपनी तरफ से बसें चलाने की पूरी तैयारी कर ली है। बस अड्डा परिसर में फिजिकल डिस्टेंसिग के लिए गोल दायरे लगा दिए हैं तो बसों में भी किन सीटों पर यात्री बैठ सकते हैं, इसकी मार्किंग कर दी है। एक कर्मचारी की ड्यूटी थर्मल स्केनिग के लिए लगा दी गई है तो बस अड्डा परिसर और बसों को सैनिटाइज कर दिया गया है।
बाईपास होते हुए निकल गई भिवानी डिपो की बस
प्रथम चरण में चलाई गई भिवानी डिपो की बस को जींद होते हुए पंचकूला जाना था। शुक्रवार को भिवानी से सुबह 9 बजे चली यह बस जींद साढ़े 10 बजे पहुंचनी थी लेकिन बस अड्डे पर पहुंचने की बजाय बाईपास होते हुए ही बस निकल गई। बस में 20 सीटें बुक हुई थी, जो सभी भिवानी से ही हुई थी। जींद से किसी भी यात्री ने टिकट बुक नहीं करवाई थी, इसलिए बस बाईपास होते हुए ही चली गई।
पांच करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका जींद डिपो को
पिछले 55 दिनों में रोडवेज की बसें नहीं चल पाने के कारण जींद डिपो को 5 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। 165 रोडवेज बसों के विभिन्न रूटों पर यात्रियों को ढोने से हर रोज जींद डिपो को औसतन 14 लाख रुपये की आमदनी होती है। लॉकडाउन के कारण बसें बंद पड़ी हैं। डिपो में लगभग 970 कर्मचारी हैं।
कर्मचारियों को दिए ड्यूटी पर आने के आदेश : बिजेंद्र हुड्डा
डिपो महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा ने डिपो के कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने के आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्यालय की तरफ से आदेश मिलते ही बसों को ऑन रूट कर दिया जाएगा। डिपो प्रबंधन बसों को चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।