आढ़तियों की हड़ताल खत्म, शाम तक डेढ़ लाख क्विंटल गेहूं की हुई खरीद
जिले में जींद जुलाना व कुछ अन्य अनाज मंडियों में शुक्रवार को दोपहर तक हड़ताल रही। उसके बाद आढ़तियों ने बातचीत कर हड़ताल खत्म कर गेहूं की खरीद शुरू हुई।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले में जींद, जुलाना व कुछ अन्य अनाज मंडियों में शुक्रवार को दोपहर तक हड़ताल रही। उसके बाद आढ़तियों ने बातचीत कर हड़ताल खत्म कर गेहूं की खरीद शुरू हुई। जींद अनाज मंडी में नौवें दिन गेहूं की खरीद हुई। जींद मंडी में 50 हजार क्विंटल से ज्यादा गेहूं आया हुआ है। हड़ताल खत्म होने के बाद खरीद कार्य में तेजी आई और शाम तक करीब डेढ़ लाख क्विटल गेहूं की खरीद हुई। वहीं दिनभर में मंडियों में लगभग डेढ़ लाख क्विंटल गेहूं की आवक हुई। सुबह हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के आह्वान पर आढ़तियों की विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर में गेहूं की सरकारी खरीद अनिश्चितकाल के लिए बंद करने के फैसले को जिले की सभी अनाज मंडियों में लागू करने को लेकर पदाधिकारियों की जिला प्रधान राजपाल लाठर की अध्यक्षता में बैठक हुई। नई अनाज मंडी की राधाकृष्ण धर्मशाला स्थित आढ़ती एसोसिएशन के कार्यालय में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले की सभी अनाज मंडियों में अनिश्चितकाल के लिए गेहूं का तोल बंद रखेंगे। जिन अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों में गेहूं की आढ़तियों के माध्यम से सरकारी खरीद कर तोल चालू कर रहे हैं, उनसे गुजारिश कर इसे तुरंत बंद करवाया जाएगा। उचाना से बैठक में पहुंचे आढ़तियों ने अपनी जिला एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भरोसा दिलवाया कि वो तुरंत वहां की अनाज मंडी में प्रदेश एसोसिएशन के निर्णय को लागू करवाएंगे। बैठक के तुरंत बाद जिला प्रधान राजपाल लाठर सफीदों अनाज मंडी पहुंचे और वहां की आढती एसोसिएशन से मिलकर तोल बंद रखने का आह्वान किया। बैठक को संबोधित करते हुए जिला आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान राजपाल लाठर ने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार उनकी मांगों को अमलीजामा नहीं पहनाएगी, वो अपनी प्रदेश एसोसिएशन के निर्णय अनुसार अनाज मंडियों में गेहूं का तोल नहीं करेंगे। बैठक में नई अनाज मंडी आढती वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सत्यवान रेढू उर्फ सत्तू, द न्यू फूडग्रेन डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुशील सिहाग, पिल्लूखेड़ा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान कंवरसाहब सरोहा, अलेवा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रामपाल शर्मा, उचाना अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान वीरेंद्र संदलाना मौजूद रहे। दोपहर बाद एसोसिएशन ने हड़ताल खत्म कर तोल शुरू कराने का फैसला लिया। जिला प्रधान राजपाल लाठर ने कहा कि आढ़तियों ने हड़ताल को खत्म कर दिया है और अब आढ़ती किसानों की फसल को बेचने में पूरा सहयोग करेंगे। किसानों को मंडी में फसल बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नही आने दी जाएगी।
जुलाना मंडी में 2500 क्विंटल गेहूं की हुई खरीद
संवाद सूत्र, जुलाना : आढ़तियों की तीन दिन हड़ताल के बाद जुलाना की अनाज मंडी में खरीद का कार्य शुरू हो गया। मंडी में दोपहर बाद आढ़तियों ने फैसला लिया कि हड़ताल को खत्म कर गेहूं की खरीद की जाए। हड़ताल खत्म होने के बाद लगभग 2500 क्विटल गेहूं की खरीद की गई। तीन दिन से लगातार मंडी में गेहूं की आवक तेजी से हो रही है। मंडी में शेड के अलावा आढ़तियों ने गेहूं को खुले आसमान के नीचे भी उतरवा दिया है। मंडी में प्रशासन द्वारा किसानों के फसल बेचने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जो किसान मंडी में बिना फोन पर संदेश आए फसल लेकर आता है, उसे भी गेट पास दिया जा रहा है। मार्केट कमेटी सचिव दीपक लोहचब ने बताया कि मंडी में आढ़तियों ने हड़ताल खत्म कर दी है। जो किसान बिना संदेश आए भी फसल को मंडी में लाता है, उसे भी गेट पास दिया जा रहा है। उचाना में आढ़तियों ने तोल रुकवाया, शाम को हड़ताल खत्म
संवाद सूत्र, उचाना : हैफेड ने शुक्रवार को उचाना मंडी में पांच घंटे तक गेहूं की खरीद कर 42 हजार क्विटल गेहूं की खरीद की। दोपहर एक बजे महाराजा अग्रसेन मंदिर में आढ़तियों की बैठक कर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कोई भी गेहूं के बैगों का तोल नहीं करवाएगा। किसान अगर मंडी में गेहूं लेकर आता है, तो आढ़ती अपनी दुकान पर उसका गेहूं उतरवाएंगे और गेट पास कटवाएंगे। लेकिन किसी एजेंसी को गेहूं नहीं देंगे। बैठक के बाद बैठक में मौजूद सभी आढ़ती पूरी मंडी में दुकान दर दुकान गए। जो मंडी में गेहूं के तोल लगे हुए थे, उनको बंद करवाया। वीरवार को प्रदेश भर में आढ़तियों की हड़ताल थी। उचाना में हड़ताल का कोई असर पहले दिन नहीं हुआ था। बैठक में आढ़तियों ने कई तरह की आ रही समस्याओं को भी रखा। सबसे बड़ी समस्या सिर्फ मंडी में ही गेहूं उतारने को लेकर हो रही है। हर साल गेहूं के सीजन में आवक ज्यादा होने पर मंडी के आसपास खाली प्लाटों में आढ़ती गेहूं आढ़ती उतारते रहे हैं। इस बार मार्केट कमेटी सचिव ने सिर्फ मंडी में ही गेहूं उतारने के निर्देश दिए हैं। एक किसान का एक बार में 80 क्विटल का गेट पास काटा जाता है। जबकि उस किसान पास गेहूं अधिक होती है। ऐसे में बार-बार उसे गेट पास को लेकर लाइन में लगना पड़ता है। शाम को हड़ताल खत्म हो गई।