ढाकल में बीपीएल परिवारों को नहीं मिल पाई शौचालय की राशि
केंद्र व प्रदेश सरकार स्वछ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त करने के लिए हर घर में शौचालय बनवाने की स्कीम लेकर आई थी।
महासिंह श्योरान, नरवाना
केंद्र व प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त करने के लिए हर घर में शौचालय बनवाने की स्कीम लेकर आई थी। जिसमें घर में शौचालय बनाने के लिए सरकार द्वारा 12 हजार रुपये की अनुदान राशि देनी तय हुई थी। लेकिन बीपीएल पात्र व गरीब परिवारों के लोगों द्वारा शौचालय बना भी दिया गया, लेकिन उनको कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। ऐसा ही एक मामला गांव ढाकल में देखने को मिला। जहां पात्र परिवारों को शौचालय बनवाने के बावजूद भी कोई राशि नहीं मिली। ग्रामीण फूलकुमार, हवासिंह, महावीर, रामपाल, सिया राम, मनफूल, सलिद्र, पालाराम, संदीप, चंदगीराम, दलबीर, शेर सिंह का कहना है कि वर्ष 2017-2018 में उनके गांव का सर्वे किया गया था। जिन घरों में शौचालय नहीं थे। उन 37 लोगों से आवेदन भरवाये गये थे। उन्होंने भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत आवेदन किया था और बताया गया था कि शौचालय बनवाने पर 12 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। उन्होंने सरकार के निर्देशानुसार शौचालयों का निर्माण अपने पैसों से करवा दिया था। लेकिन उनको अभी तक शौचालय की 12 हजार रुपये की राशि नहीं मिल पाई है। शौचालय की राशि लेने के लिए कई बार सरपंच प्रतिनिधि जयभगवान से भी मिले। लगभग 2 साल बीत जाने के बाद भी उनको राशि नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि बीपीएल पात्र परिवारों को दो जून की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि शौचालयों की राशि दिलवाई जाये।
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गांव ढाकल में बीपीएल व गरीब पात्र परिवारों के शौचालयों की राशि के लिए आवेदन बीडीपीओ कार्यालय में जमा करवा दिये गये थे। लेकिन 12 हजार रुपये की राशि किन कारणों से नहीं मिली, इसके बारे में अधिकारी बता सकते हैं।
रामदेवी, सरपंच, गांव ढाकल
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सरकार ने गांवों में दो गड्ढों वाला शौचालय बनाने के लिए ग्रामीणों को कहा था। लेकिन उनके द्वारा केवल एक गड्ढा वाला शौचालय ही बनाया गया। जिसके बाद सरकार द्वारा यह स्कीम बंद कर दी गई। राशि मिलने के बारे में स्वच्छ भारत मिशन के खंड समन्वयक ही ज्यादा बता सकते हैं।
राजेश टिवाणा, बीडीपीओ, पंचायत विभाग, नरवाना