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ऐलनाबाद उपचुनाव में किसान और खेती का मुद्दा रहेगा प्रभावी : बीरेंद्र सिंह

ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसान खेती इस उप चुनाव में प्रभावी मुद्दा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 09:45 AM (IST)
ऐलनाबाद उपचुनाव में किसान और खेती का मुद्दा रहेगा प्रभावी : बीरेंद्र सिंह
ऐलनाबाद उपचुनाव में किसान और खेती का मुद्दा रहेगा प्रभावी : बीरेंद्र सिंह

संवाद सूत्र, उचाना : ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसान, खेती इस उप चुनाव में प्रभावी मुद्दा है। इस चुनाव के परिणाम हरियाणा की आने वाली राजनीति क्या होगी उसको तय करेंगे। ये ही एक वो चुनाव है जो प्रदेश की अगली राजनीति क्या होगी उसको तय करेगा। किसान आंदोलन एक बड़ा मुद्दा आज प्रदेश में है। वे राजीव गांधी महाविद्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस बार कपास की फसल में काफी नुकसान गुलाबी सुंडी से हुआ है। जिन किसानों ने फसल बीमा करवाया है, उनको मुआवजा देने में कोई कितु-परंतु नहीं होनी चाहिए। बीमा कंपनियां कभी फार्म पूरा नहीं है, कभी कुछ कह कर रही है। वो इस प्रकार के बहाने बना कर किसानों को मुआवजा देने से मना करती हैं। इन सभी कितु-परंतु को हटाकर तुरंत किसानों को मुआवजा देना चाहिए। विशेष गिरदावरी करवा कर किसानों को मुआवजा सरकार दे। उचाना ही नहीं बल्कि कई क्षेत्रों में कपास की फसल शत-प्रतिशत खराब हो चुकी है। इसके अलावा धान की फसल भी खराब हुई है। उन्होंने कहा कि कई सालों में पहली बार ऐसा हुआ है जब मानसून काफी लेट तक है। मानसून लेट होने के चलते इस बार पीआर धान में नमी है। किसान पीआर धान में खुद पानी डालकर तो नहीं लाता है। ऐसे में जो पीआर धान की नमी प्रतिशत तय की गई है उसको बढ़ाया जाए। फसल में इस बार नमी अधिक होने का कारण मानसून देरी तक होना भी है। इस मौके पर सज्जन सिंह, हरेंद्र सिंह, बलबीर सफा खेड़ी, संजीव डूमरखां, कृष्ण श्योकंद, डा. राजेश श्योकंद, कुमार अनिल, राकेश श्योकंद, सुरेंद्र गर्ग मौजूद रहे।

बाजरे को भावांतर योजना में शामिल करने पर उठाए सवाल

प्रदेश सरकार द्वारा बाजरे को भावांतर योजना में शामिल करने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना का साधारण किसान को बड़ा लाभ होने वाला नहीं है। इससे किसान की बजाए व्यापारी को लाभ होगा। आज किसान का बाजरा 1400 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बिक रहा है। 600 रुपये प्रति क्विंटल सरकार द्वारा किसान को देने के बाद भी जो एमएसपी बाजरे का निर्धारित किया है उतना किसान को नहीं मिल रहा है।


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