प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बराला के करीबी जवाहर सैनी पर गाज के हैं बड़े संकेत, लगा तगड़ा झटका
हरियाणा भाजपा के सचिव पद से जवाहर सैनी को हटाने के बड़े संकेत हैं। सैनी को हरियाणा भाजपा के प्रधान सुभाष बराला का करीबी माना जाता है। पार्टी के कदम से सैनी को तगड़ा झटका लगा है।
जींद, [कर्मपाल गिल]। हरियाणा भाजपा के सचिव पद से जवाहर सैनी को हटाए जाने के बड़े राजनीतिक संकेत माने जा रहे हैं। जवाहर सैनी हरियाणा भाजपा प्रधान सुभाष बराला के करीबी हैं और इस कारण उन पर गाज के बड़े मायने निकाले जा रहे हैं। पहले बराला चुनाव हार गए और अब उनके करीबी जवाहर सैनी की छुट्टी हाे गई। ऐसे में पार्टी का यह कदम उनके लिए बड़ा झटका है।
विधायक कृष्ण मिढ़ा ने लगाए थे चुनाव में खिलाफत के आरोप
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में बहुमत से दूर रही भाजपा ने मंथन के बाद कील-कांटे निकालने शुरू कर दिए हैं। इस कड़ी में जींद के जवाहर सैनी पर गाज गिरी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के खास नजदीकी जवाहर सैनी को प्रदेश सचिव पद से हटाना उनके लिए दूसरा बड़ा झटका है। चुनाव में टोहाना से सुभाष बराला की हार से ही उनके खास लोगों के चेहरे मुरझा गए थे।
पार्टी में बराला ही जवाहर सैनी के सरपरस्त रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहरलाल से भी जवाहर सैनी की नजदीकी है, लेकिन बराला ने ही जवाहर को पार्टी संगठन में आगे बढ़ाया। प्रदेश सचिव पद के अलावा उन्हें कई जिलों में प्रभारी के अलावा पांच साल तक अलग-अलग जिलों में मुख्यमंत्री की रैलियों का भी प्रभारी बनाया गया। एकाएक पार्टी में उनका प्रभाव बढ़ता चला गया।
जींद नगरपरिषद चुनाव में कड़े मुकाबले में उनकी पत्नी पार्षद बनीं और बराला के आशीर्वाद से नगर परिषद की प्रधान बनीं। करीब ढाई साल पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल जींद आए तो जवाहर सैनी के घर लंच किया। इससे जींद जिले की राजनीति में भी जवाहर सैनी आगे बढ़ते चले गए। उपचुनाव में वह भाजपा की टिकट के दावेदार थे। अपनी तरफ से पूरा जोर भी लगाया, लेकिन मुख्ममंत्री ने डॉ. कृष्ण मिढ़ा के सिवाय दूसरे नाम पर विचार ही नहीं किया।
डा. कृष्ण मिढ़ा को टिकट मिलने पर जवाहर ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी कि 32 साल की मेहनत पर 2 महीने पड़े भारी। उपचुनाव के बाद मुख्यमंत्री ने जवाहर सैनी को शांत करते हुए उन्हें वन विकास निगम का चेयरमैन बना दिया। यह पहला ऐसा केस था, जिसमें पति-पत्नी चेयरमैन थे। अब विधानसभा चुनाव से ऐन पहले जवाहर सैनी ने पार्षदों व संस्थाओं को घर पर बुलाकर टिकट के लिए दावा ठोका था, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला। मिढ़ा को टिकट मिलने के बाद वह मतदान तक जींद से बाहर रहे।
चुनाव की समीक्षा मीटिंग में पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी के सामने विधायक डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने खुलकर गुस्सा निकालते हुए कहा था कि जवाहर सैनी ने उन्हें हराने के लिए पूरा जोर लगाया। उनके समर्थक पार्षद भी जेजेपी प्रत्याशी के साथ लगे रहे। यह रिपोर्ट पार्टी के पास पहुंची। जिस पर फैसला लेते हुए गुरुग्राम में दो दिवसीय मंथन मीटिंग में जवाहर सैनी की प्रदेश सचिव पद से छुट्टी कर दी गई।
बड़ा सवाल, चेयरमैन पद बचा रहेगा या नहीं
पार्टी के प्रदेश सचिव पद से हटाने के बाद रविवार को जींद के सियासी गलियारों में एक ही चर्चा रही कि जवाहर सैनी और उनकी पत्नी का चेयरमैन पद बचा रहेगा या नहीं। बताया जाता है कि पार्षदों के बीच भी सैनी को पद से हटाने पर चर्चा रही है। कुछ लोग कह रहे थे कि सरकार तो पहले ही सभी चेयरमैनों को हटा चुकी है। अब जेजेपी की मदद से मिढ़ा गुट जवाहर की पत्नी को भी चेयरपर्सन के पद से हटाने के लिए जोर लगाए सकते हैं। नगरपरिषद के पूर्व चेयरमैन व पार्षद विनोद आशरी खुलकर मिढ़ा के साथ लगे हुए हैं।
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सोशल मीडिया पर भी छाया मामला
जवाहर सैनी को बीजेपी प्रदेश सचिव के पद से हटाने का मामला सोशल मीडिया पर छाया रहा। विधायक मिढ़ा के समर्थक कमेंट डालने में सबसे ज्यादा सक्रिय दिखे और इसे अपनी जीत के रूप में पेश कर कटाक्ष कर रहे थे। पार्षद सुभाष जांगड़ा ने सैनी को पद से हटाने की खबर सोशल मीडिया पर डाली तो मनोज सैनी ने कमेंट किया कि... गुड हुआ, जवाहर सैनी को तो पार्टी से निकाल देना चाहिए। बलजीत जांगड़ा ने लिखा कि अकेले जवाहर से काम नहीं चलेगा, सरिया तो और भी नीचे तक है। अमित मिगलानी ने लिखा कि ये तो वही बात हुई तुम्हें जाना है पर देर लगेगी। इस तरह बधाई, गुड के काफी कमेंट लोगों ने किए।
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