एड्स की रोकथाम के लिए जागरूकता जरूरी, युवाओं को अच्छी शिक्षा दें : सिविल सर्जन
समय का मोल एचआइवी पर कंट्रोल थीम को लेकर मंगलवार को नागरिक अस्पताल स्थित टीबी सेंटर में विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रम हुआ।
जागरण संवाददाता, जींद : समय का मोल, एचआइवी पर कंट्रोल थीम को लेकर मंगलवार को नागरिक अस्पताल स्थित टीबी सेंटर में विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह व पीएमओ डा. बिमला राठी ने एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर एसएमओ डा. गोपाल गोयल, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, डिप्टी सीएमओ टीबी डा. संदीप लोहान, डा. नवनीत मौजूद रहे।
सिविल सर्जन ने बताया कि वर्ष 2019 में स्वास्थ्य विभाग के पास एआरटीसी सेंटर में नए मरीज 265 रजिस्टर्ड थे। इस साल अक्टूबर तक नए मरीज 139 रजिस्टर्ड हुए हैं। 1732 एड्स रोगियों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। एड्स के प्रति खुद भी जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य युवाओं के हाथों में है। इसलिए उन्हें अच्छी शिक्षा दें और गलत रास्ते पर जाने से रोकें। पीएमओ डा. बिमला राठी ने युवाओं से सभी तरह के नशे से दूर रहने, बुरी आदतों का त्याग कर समाज व देश के विकास में भागीदारी करने का आह्वान किया। डाटा एंट्री आपरेटर अभिषेक व काउंसलर रविकांत को उनके बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर डा डा. उपासना अरोड़ा, डा. रवि सांगवान, स्टाफ नर्स पूनम, काउंसलर रवि वर्मा, रमेश और रोहताश एलटी, सतेंद्र, राजेंद्र मौजूद रहे।
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एड्स को लेकर काफी भ्रम हैं
एसएमओ डा. गोपाल गोयल ने कहा कि लोगों में एड्स बीमारी को लेकर काफी भ्रम भी हैं। यह बीमारी साथ-साथ खाने से, हाथ मिलाने और गले मिलने से, खांसने, छींकने या हवा से खाने के बर्तन, कपड़े, शौचालय के सामूहिक उपयोग से नहीं होती है। एचआइवी एड्स केवल एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क से, संक्रमित सीरिज व सुइयों के प्रयोग से, संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से, एचआई संक्रमित मां से उसके होने वाले शिशु को होता है।
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बस बचाव ही इलाज है
डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि एड्स एक संक्रमण की बीमारी है और इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। बस बचाव ही इसका इलाज है। यह बीमारी मनुष्य के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर देती है। जिससे किसी प्रकार की बीमारी होने पर वह ठीक नहीं होती है। लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर 1097 भी दिया गया है।