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विधानसभा सत्र में पता चलेगा, कौन अपना-कौन पराया : ढुल

जागरण संवाददाता, जींद : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिला प्रधान वीरभान ढुल ने कह

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Feb 2017 12:42 AM (IST)Updated: Tue, 28 Feb 2017 12:42 AM (IST)
विधानसभा सत्र में पता चलेगा, कौन अपना-कौन पराया : ढुल
विधानसभा सत्र में पता चलेगा, कौन अपना-कौन पराया : ढुल

जागरण संवाददाता, जींद : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिला प्रधान वीरभान ढुल ने कहा कि सोमवार से विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। जो प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा में गए हुए हैं, अब पता चल जाएगा कि उनमें कौन अपना है और कौन पराया। जो विधायक जाट समाज की आवाज को उठाएगा, उसका जाट समाज खुलकर समर्थन करेगा तथा जो जाट समाज की बात नहीं उठाएगा, उसका बहिष्कार किया जाएगा। ईक्कस गांव में 30वें दिन धरने की अध्यक्षता सुरेश कौथ ने की। धरने पर दिनभर 2 मार्च दिल्ली घेराव की तैयारियों को लेकर चर्चा चलती रही।

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ढुल ने कहा कि दिल्ली घेराव की तैयारियों के लिए गांव-गांव कमेटियों का गठन किया गया है। जो गांव दिल्ली से दूर हैं, उनके साथ दूसरे साधनों की व्यवस्था की गई है तथा नजदीक के गांवों के लोग अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों द्वारा दिल्ली कूच करेंगे।

उन्होंने दावा किया कि जींद जिले से एक लाख लोग दिल्ली के लिए कूच करेंगे। जिले का दूसरा धरना समिति द्वारा नरवाना क्षेत्र के दनौदा गांव में शुरू करने का फैसला लिया गया है। समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कैप्टन रणधीर ¨सह चहल ने कहा कि 1 मार्च को दनौदा गांव में हर हाल में धरना शुरू किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। यदि प्रशासन अनुमति देने में आनाकानी करता है तो भी उनका धरना दनौदा में हर हाल में शुरू होगा।

चहल ने कहा कि उनका धरना पिछले 30 दिनों से ईक्कस गांव में शांतिपूर्वक चल रहा है और दनौदा में भी ऐसे ही चलेगा। नरवाना क्षेत्र के बहुत से गांवों के लोगों को जींद काफी दूर आना पड़ता है। इसलिए दनौदा में धरना शुरू किया जाएगा।

सरकार माने मांगें

कैप्टन ने कहा कि दिल्ली कूच के लिए लोग बहुत उत्साहित हैं। भारी संख्या में वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाया गया है। 2 मार्च को अभी तीन दिन शेष हैं, यदि सरकार चाहे तो उनकी मांगें पूरी करके अब भी आंदोलन को खत्म करवा सकती है। उन्होंने सरकार की नीयत पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि सरकार शांतिपूर्वक समाप्त करवाना नहीं चाहती है। सरकार तथा प्रशासन हर समय लोगों को उकसाने के प्रयास करता रहता है लेकिन जाट समाज के लोग संयम के साथ शांतिपूर्वक तरीके से धरने पर बैठे हैं।


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