आंगनबाड़ी वर्करों ने ग्राम स्तर पर किया विरोध प्रदर्शन, पुतला फूंका जताया विरोध
आंगनबाड़ी वर्करों एवं हेल्परों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार को भौंगरा निडाना सहित ग्राम स्तर पर शनिवार को सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया।
जागरण संवाददाता, जींद : आंगनबाड़ी वर्करों एवं हेल्परों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार को भौंगरा, बड़ौदा, दनौदा, नरवाना, काकड़ौद, निडाना सहित ग्राम स्तर पर शनिवार को सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया। आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की जिला प्रधान भूला देवी ने कहा कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्परों की मांगों का समाधान करने की बजाए इस आंदोलन में शामिल वर्कर-हेल्परों को धमकी दी जा रही है और उन्हें बर्खास्त करने के पत्र जारी कर रही है जबकि संविधान में ऐसा कहीं भी कोई नियम नहीं है, लेकिन सरकार संविधान पर हमले करके इस बर्खास्तगी के पत्र निकाल रही है।
जिला सचिव सुमन देवी ने बताया कि शनिवार को गांव-गांव में आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर लाभार्थियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास मंत्री के पुतले दहन किए हैं और एक फरवरी को प्रदेशभर में दमन विरोधी दिवस मनाया जाएगा। 31 जनवरी को किसान विश्वास घात दिवस मनाएंगे और जिला व तहसील स्तर पर केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांग आंगनबाड़ी वर्कर्स वह हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक न्यूनतम वेतन 24000 रुपये लागू किया जाए। वर्ष 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भत्ते की तमाम किस्त मानदेय में जोड़कर दी जाए। महंगाई भत्ते का बकाया एरियर भी तुरंत दिया जाए। हेल्पर के पदनाम को बदला जाए। विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए वर्कर्स पर आनलाइन काम का दबाव बनाना बंद किया जाए व इस बारे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए। प्रधानमंत्री द्वारा सितबर 2018 में की गई वर्कर्स व हेल्पर्स की 1500 एवं 750 रुपये की बढ़ोतरी को एरियर समेत दिया जाए, आंगनबाड़ी वर्कर्स को पांच लाख व हेल्पर्स को तीन लाख रुपये सेवानिवृति का लाभ दिया जाए और पेंशन लागू की जाए। आंगनबाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को तुंरत लागू किया जाए, आंगनबाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्र का 2000, छोटे कस्बे व शहर का 3000 व बड़े शहरों का 5000 रुपये लागू किया जाए। सभी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को ईएसआइ एवं पीएफ के तहत कवर किया जाए व तुरंत इनके खाते खुलें।