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प्रशासक और प्राचार्य पर लगाए अनियमितता बरतने के आरोप

छोटूराम किसान कॉलेज शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान प्रो. दलबीर खर्ब ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि प्रशासक लगा होने के कारण छोटूराम किसान कॉलेज संस्था पतन की ओर जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 09:10 AM (IST)
प्रशासक और प्राचार्य पर लगाए अनियमितता बरतने के आरोप
प्रशासक और प्राचार्य पर लगाए अनियमितता बरतने के आरोप

जागरण संवाददाता, जींद : छोटूराम किसान कॉलेज शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान प्रो. दलबीर खर्ब ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि प्रशासक लगा होने के कारण छोटूराम किसान कॉलेज संस्था पतन की ओर जा रही है। इस दौरान उनके साथ संस्था के सदस्य डॉ. राजेंद्र, जाट धर्मार्थ सभा के प्रधान वजीर सिंह सहारण, एडवोकेट बलराज सिंह श्योराण, रघुदीप सांगवान, ईश्वर सिंह लोहचब, ईश्वर सिंह उझानिया, अमन भूराना, ईश्वर सिंह पेगां भी मौजूद रहे। दलबीर खर्ब ने कहा कि कॉलेज के प्रशासक और कार्यवाहक प्राचार्य की अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 24 सितंबर 2014 को संस्था पर प्रशासक की नियुक्ति हुई थी। उसी दौरान से संस्था में कॉलेज के विद्यार्थियों की संख्या व परीक्षा परिणाम गिरते जा रहे हैं। कंप्यूटर के कोर्स, बीबीए, बीसीए, पीजीडीसीए, एमए इंग्लिश, एमकॉम, एमए लोकप्रशासन व साइंस फैकल्टी बंद कर दी गई है। प्राचार्य की संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण आयकर विभाग ने समिति पर बीते जनवरी में 42 लाख की पैनल्टी लगाई और संस्था के खाते से 39 लाख रुपये निकलवा लिये। भविष्य में जब भी समिति के खाते में तीन लाख रुपये जमा होंगे, वह भी आयकर विभाग निकलवा लेगा।

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सभी आरोप हैं निराधार

वहीं कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. शमशेर मलिक ने कहा कि उन पर और प्रशासक पर लगाये गए आरोप निराधार हैं। प्रशासक से पहले जो प्रबंधक समिति थी, उस दौरान अनेकों अनियमितताएं थी। कुछ लोग अपने निजी हित साधने के लिए संस्था के कामों में दखल करने का प्रयास कर रहे हैं। संस्था के चुनाव से संबंधित मामला कोर्ट में है। कॉलेज में सीटों की संख्या सरकार ने घटाई है। ऑडिट में गलती होने की वजह से 42 लाख रुपये की पैनल्टी लगी है। जोकि उनके समय का मामला नहीं है। जो पैनल्टी लगी है, उसके खिलाफ अपील की हुई है।


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