19 साल तक के साढ़े 4 लाख बच्चों को खिलाई जाएंगी अल्बेंडाजोल की गोलिया
सब हेडिग सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलाया जाएगा अभियान फोटो- 14 15 कट आउट समाचार
सब हेडिग सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलाया जाएगा अभियान
फोटो- 14, 15 कट आउट समाचार जागरण संवाददाता, जींद : एडीसी डॉ. सत्येन्द्र दूहन ने कहा कि 19 वर्ष की आयु तक के बच्चों को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने के लिए 12 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाकर अल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तमाम इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मी घर-घर जाकर गोलियां खिलाने का काम करेंगे।
एडीसी ने यह जानकारी स्थानीय डीआरडीए के सभागार में अभियान की तैयारियों को लेकर आयोजित हुई बैठक में कही। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह, वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. रमेश पांचाल, डीएचओ डॉ. पुष्पा जागलान भी मौजूद रही। बैठक में एडीसी ने कहा कि कोरोना काल में दवा देते समय दो गज की दूरी जरूर बनाकर रखें। गोली खिलाने से पहले हाथों को स्वच्छ करें, मुंह पर मास्क या फेश कवर जरूर लगाएं। इस कृमिनाशक अभियान के तहत 20 से 24 वर्ष आयु की महिलाओं को भी कवर किया जाएगा, लेकिन महिला गर्भवती व दूध पिलाने वाली मां नहीं होनी चाहिए । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य एनिमीया का खात्मा कर बच्चों को स्वस्थ बनाना है। अल्बेंडाजोल एक ऐसी दवा होती है जो पेट के कीड़ों को खत्म कर बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास करने का काम करती है।
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अभियान सफल बनाने के लिए 12 निगरानी टीमें गठित : डॉ. रमेश पांचाल
वरिष्ठ दंत चिकित्सक और कृमिनाशक अभियान के इंचार्ज डॉ. रमेश पांचाल ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए 12 निगरानी टीमों का गठन किया गया है। सभी एएनएम, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्करों को निर्देश दिए गए हैं कि गोलियां खिलाने का कार्य सुबह 11 बजे शुरू करें और पांच बजे तक लगातार जारी रखें। लगभग साढ़े 4 लाख बच्चों को यह गोलियां खिलाई जाएंगी। खाली पेट गोलियां न खिलाएं, कोई व्यक्ति गोलियों व अभियान से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी कंट्रोल रूम के टोल फ्री नम्बर 108 पर या डॉ. रमेश पांचाल के मोबाइल नंबर 9416253845 पर संपर्क कर सकते हैं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में अल्बेंडाजोल की गोलियां पहुंचा दी गई हैं। डॉ. पुष्पा जागलान ने बताया कि अभियान के तहत 20 से 24 साल की उम्र की 20 हजार महिलाओं को गोलियां दी जाएंगी। 2 साल तक की उम्र के बच्चों को आधी गोली तथा इससे अधिक आयु के बच्चों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। अगर कोई बच्चा इस अभियान के तहत दवा नहीं ले पाता है तो वह अपने नजदीकी स्वास्थ केन्द्र या एएनएम, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर से दवा प्राप्त कर सकता है।