एक दशक बाद भी आइएमटी विकसित होने का सपना अधूरा
क्षेत्र में औद्योगिक माडल टाउनशिप (आइएमटी) स्थापित करने का सपना एक दशक बाद भी अधूरा है। कांग्रेस राज में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा की गई घोषणा के करीब पांच वर्ष बाद योजना पर काम शुरू तो शुरू हुआ लेकिन 10 गांवों की 3303 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करते हुए मुआवजा वितरित करने के बाद कार्य ठंडे बस्ते में चला गया
हरीश भौरिया, खरखौदा : क्षेत्र में औद्योगिक माडल टाउनशिप (आइएमटी) स्थापित करने का सपना एक दशक बाद भी अधूरा है। कांग्रेस राज में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा की गई घोषणा के करीब पांच वर्ष बाद योजना पर काम शुरू तो शुरू हुआ, लेकिन 10 गांवों की 3303 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करते हुए मुआवजा वितरित करने के बाद कार्य ठंडे बस्ते में चला गया। आइएमटी में बड़े प्रोजेक्टों के आने व चीन की वांडा ग्रुप कंपनी द्वारा एंटरटेनमेंट पार्क बनाने की बात भी चली। इसके बावजूद कोई कार्य शुरू नहीं हुआ। ऐसे में अब स्थानीय मतदाताओं में चर्चा बनी हुई है कि चुनाव में आइएमटी पर नेताओं से हिसाब मांगा जाएगा।
क्षेत्र के विकास के साथ आइएमटी रोजगार की ²ष्टि से भी अहम है। आइएमटी की घोषणा के दौरान न केवल क्षेत्र के लोग खुश हुए थे, बल्कि युवाओं को भी पास में रोजगार मिलने की संभावनाएं जगी थी। अब इसकी घोषणा का एक दशक से ज्यादा समय बीत चुका है, आज भी आइएमटी के विकसित होने के सपने को पूरा होने का इंतजार है। कई बार आइएमटी को लेकर हुई कुछ सुगबुगाहटों ने क्षेत्रवासियों के मन में आस भी जगाई, लेकिन कुछ दिनों में ही सरकार की योजना हवा में बदल गई। पहले जहां बड़े प्रोजेक्ट आने की बात कही जा रही थी, तो चीन के वांडा ग्रुप द्वारा एंटरटेनमेंट पार्क तैयार करने की बात पर भी लोग सीधे इसे क्षेत्र के विकास से जोड़कर देख रहे थे, लेकिन इस प्रोजेक्ट पर भी कुछ दिनों बाद विराम लग गया। आज भी युवा आइएमटी के शुरू होने का सपने संजोए बैठे हैं, लेकिन इन सपनों को कब सचाई में बदला जाएगा यह कहना मुश्किल है। लोगों का कहना है कि अब चुनाव में नेताओं से सवाल-जवाब किए जाएंगे। केएमपी के साथ स्थापित की जानी है आइएमटी
आइएमटी का निर्माण कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के साथ होना है। ऐसे में इस आइएमटी के सफलतापूर्वक चलने में कोई शंका नहीं की जा सकती। इसके बावजूद आज तक आइएमटी के विकसित होने की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली हुई है। अगर यही आइएमटी शुरू हो जाती और उद्यमी अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित करते तो क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होते और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ोतरी मिलने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी सु²ढ़ होती।आइएमटी की जमीन के कुछ हिस्से में फुटवियर पार्क बनाने को लेकर भी विचार किया जा रहा था। आइएमटी क्षेत्र के विकास की अहम कड़ी है। इसकी घोषणा के एक दशक बाद भी मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। आगामी समय में भी इसके विकसित होने की ज्यादा संभावनाएं दिखाई नहीं दे रही हैं। सरकार को चाहिए कि क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द आइएमटी को विकसित करे। चुनाव में नेताओं से इसके बारे में सवाल किया जाएगा।
दिलावर स्वामी, निवासी, खरखौदा। आइएमटी को शुरू कर हजारों युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया जा सकता है। कितने ही युवा रोजगार की तलाश में अन्य जिलों यहां तक कि दूसरे प्रदेशों में रह रहे हैं। अगर यह आइएमटी विकसित हो जाती है तो सीधे तौर पर क्षेत्र के युवाओं को फायदा होगा। उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं होगी। यह बड़ा मुद्दा है, जिस पर नेताओं को जवाब देना होगा।
डॉ. ओमवीर राठी, निवासी, खरखौदा। हरीश