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छह माह में बनने वाला मकान चार साल में नहीं बना, कितने बड़े महल बनवा रहे हो

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी की मीटिग में सांसद रमेश कौशिक सांसद बृजेंद्र सिंह और विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने विकास कार्यों में ढुलमुल रवैया बरतने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 07:40 AM (IST)
छह माह में बनने वाला मकान चार साल में नहीं बना, कितने बड़े महल बनवा रहे हो
छह माह में बनने वाला मकान चार साल में नहीं बना, कितने बड़े महल बनवा रहे हो

जागरण संवाददाता, जींद : जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी की मीटिग में सांसद रमेश कौशिक, सांसद बृजेंद्र सिंह और विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने विकास कार्यों में ढुलमुल रवैया बरतने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। पीएमएवाई के तहत गरीबों के मकानों की किस्त जारी होने में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए सांसद कौशिक ने कहा कि योजना को तीन-चार साल हो गए हैं, अब तक मकान ही नहीं बने हैं। कितने बड़े महल बनवा रहे हो, जो इतना समय लग रहा है। वे जुलाना में कई जगह गए, जहां लोगों का दो साल से सामान बाहर पड़ा है। समय पर किस्त नहीं मिलने के कारण मकान नहीं बन पाया। उन्होंने सभी नगर परिषद व नगरपालिका अधिकारियों को शहरी क्षेत्र में 31 मार्च तक सभी मकानों का निर्माण कार्य पूरा कराने के आदेश दिए।

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जिला नगर आयुक्त डा. सुशील कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में अभी तक पीएमएवाई के तहत करीब 1200 मकान बने हैं। जिसमें जींद तीसरे स्थान पर है। वहीं पेयजल समस्या और जन स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी अधिकारियों को खूब लताड़ लगाते हुए कहा कि अगर हमें एक दिन पीने का पानी नहीं मिले, तो मुश्किल हो जाती है, लेकिन कई गांवों में वर्षों से लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। जहां जलघर बन रहे हैं, उनका काम समय पर पूरा नहीं हुआ। बीजेपी जिलाध्यक्ष राजू मोर ने कहा कि फोन करते हैं, तो कर्मचारी बदतमीजी करते हैं।

विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने कहा कि इतनी जल्दी मोटर खराब हो जाती हैं, इसमें भी उन्हें तो गड़बड़ी लगती है। विधायक ने कई गांवों के नाम गिनाए, जिनमें पीने के पानी के कनेक्शन नहीं हो रहे। उन्होंने शहर में बदहाल सड़कों, सीवरेज व्यवस्था, पीएमएवाई समेत विभिन्न कामों में देरी पर अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि शहर के लोग रो रहे हैं। लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा। किसी भी काम को शुरू करने से पहले समय पर दूसरे विभागों से एनओसी नहीं ली जाती, जिससे काम बीच में रुक जाते हैं। बैठक में भाजपा जिला अध्यक्ष राजू मोर, पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य, डा. राज सैनी, डा. ओपी पहल, जवाहर सैनी, अमरपाल राणा, एडीसी डा. सत्येंद्र दूहन, जिला नगर आयुक्त सुशील मलिक, सफीदों के एसडीएम मंदीप कुमार, जिला परिषद सीईओ दलबीर सिंह, जीएम रोडवेज बिजेंद्र हुड्डा, बिजली निगम एसई श्यामबीर सैनी मौजूद रहे। पिछली मीटिग के अधूरे मिनट्स पर विधायक ने उठाए सवाल

मीटिग के शुरुआत में जब जिला परिषद सीईओ दलबीर सिंह एजेंडा पढ़ने लगे, तो विधायक मिढ़ा ने उन्हें रोकते हुए कहा कि पहले पिछली मीटिग की कार्रवाई पर भी चर्चा होनी चाहिए। पिछली मीटिग में उन्होंने अमरूत योजना, रानी तालाब की लाइटों, तीर्थों के जीर्णोद्धार समेत कई मामले उठाए थे, लेकिन मिनट्स में उनका कहीं जिक्र ही नहीं किया गया है। सांसद ने भी जो आदेश दिए थे, उन पर क्या कार्रवाई हुई। इसका भी कोई जिक्र नहीं है। मीटिग में जो आदेश दिए जाते हैं, उन्हें सुनकर अधिकारी चले जाते हैं, लेकिन उन पर कोई काम नहीं होता। सांसद बृजेंद्र ने भी एजेंडा की कॉपी में संबंधित कामों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।

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पिडारा फाटक पर पुल 31 दिसंबर तक बनाया जाए

जींद-रोहतक रोड, जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर आरओबी समेत जिले में कई निर्माण कार्य एनएचएआइ के चल रहे हैं। मीटिग में एनएचएआइ की तरफ से कोई मीटिग में नहीं आया था। सांसद रमेश कौशिक ने मीटिग शुरू होने से डीसी को पहले संबंधित कामों के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को फोन कर बुलाने के लिए कहा। डीसी के फोन करने के बाद प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने प्रतिनिधि भेजे, जिन्हें प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। वे सांसद के सवालों सही से जवाब नहीं दे पाए। प्रोजेक्ट डायरेक्टर से स्पष्टीकरण लेने और संबंधित केंद्रीय मंत्री व विभाग को भी उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखने के लिए कहा। साथ ही, एनएचएआइ को आदेश दिए कि पिडारा फाटक पर बन रहे आरओबी का काम 31 दिसंबर तक पूरा हो जाना चाहिए।

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भाखड़ा पेयजल के जलघर को तीन साइट भेजी

शहर में पेयजल के लिए नहरी पानी लाने की परियोजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। मीटिग में जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन संजय शर्मा ने बताया कि मुख्यालय को जलघर बनाने के लिए तीन साइट भेजी हुई हैं। जिसमें किनाना, झांझ और बिशनपुरा गांव शामिल हैं। बिशनपुरा का प्रस्ताव रिजेक्ट हो चुका है। परियोजना में भाखड़ा व यमुना का पानी पेयजल के लिए लाने की योजना है। सरकार की तरफ से यमुना का पानी देने पर विचार चल रहा है। सांसद रमेश कौशिक ने डीसी से कहा कि भाखड़ा पानी आना चाहिए। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजें, वे भी बात करेंगे।

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इन कामों की भी हुई समीक्षा

--अमरूत योजना का काम 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। 31 दिसंबर तक पूरा होना है।

--रेलवे की जमीन पर पार्क बन रहे हैं, एक पार्क का निर्माण बाकी है। जल्द ही उदघाटन कराया जाएगा।

--बुडायन में तैयार हो चुके केंद्रीय विद्यालय में बिजली व पानी सहित सभी मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवा कर कक्षाएं आरंभ करने।

--सांसद बृजेंद्र ने उचाना में बाईपास के कार्य में तेजी लाने, पेगां में ड्राइविग स्कूल के निर्माण, डूमरखां में मल्टीपर्पज हॉल के निर्माण की समीक्षा की।

--उचाना के राजीव गांधी कॉलेज के सामने फुटओवर ब्रिज का निर्माण तथा बस क्यू शेल्टर स्थापित करने के लिए एनएचएआइ अधिकारियों से बात की।


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