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148 दिनों में 527, दस दिन में मिले 455 कोरोना संक्रमित

जागरण संवाददाता जींद जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 06:03 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 06:03 AM (IST)
148 दिनों में 527, दस दिन में मिले 455 कोरोना संक्रमित
148 दिनों में 527, दस दिन में मिले 455 कोरोना संक्रमित

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। दस दिन में जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा डबल हो गया है और पांच संक्रमितों की मौत हो चुकी है। वायरस की चपेट में शहरी व ग्रामीण एरिया दोनों ही चपेट में हैं। बढ़ते संक्रमण को देखकर जिला प्रशासन ने भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया है और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को सैंपल लेकर होम क्वारंटाइन किया जा रहा है। जिले में अब तक 982 लोग संक्रमित मिले हैं। जबकि पहला संक्रमित एक अप्रैल को गांव निडानी का युवक मिला था। उसके बाद एक या दो केस आते रहे। पिछले 148 दिनों में 527 लोग संक्रमित मिले थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा ने जींद में बैठक लेकर सैंपल बढ़ाने के आदेश दिए थे। उस समय एसीएस ने चिता जाहिर की थी कि बहुत कम सैंपल हो रहे हैं, ऐसे में अगर एकदम कोरोना विस्फोट हो जाएगा तो हालात बिगड़ जाएगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। दस दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलों की संख्या बढ़ाई तो आंकड़े चौकाने वाले सामने आ रहे हैं। इसके बाद 26 अगस्त से पांच सितंबर तक 455 कोरोना संक्रमित मिले। ऐसे में चिता की बात यह है कि जब कोरोना का आंकड़ा बढ़ रहा है तो उसी समय सैंपलों की संख्या घट गई है। अगस्त माह के अंतिम दिनों में प्रतिदिन 1300 के करीब सैंपल हुए थे, लेकिन अब यह आंकड़ा 400 से 500 के बीच में आकर खड़ा हो गया है। बढ़ते कोरोना के बीच में सैंपलों की संख्या घटना खतरनाक साबित हो सकता है।

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आठ दिन में पांच की मौत

जिले में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। जिले में पिछले आठ दिनों में पांच संक्रमितों की मौत हो चुकी है। जिले में अब तक 15 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इसमें से स्वास्थ्य विभाग पांच लोगों को दूसरे जिलों व राज्य से संबंध होने के कारण अपनी लिस्ट में शामिल नहीं कर रहा। 28 अगस्त को गांव ढाठरथ के डेरे में एक बाबा की कोरोना से मौत हो गई थी और उसी दिन एसपी कार्यालय के स्टेनो की पीजीआइ रोहतक में मौत हो गई। स्टेनो रोहतक जिले के गांव लाखन माजरा का रहने वाला था। इसके बाद खेड़ा खेमावती के बुजुर्ग की पानीपत के निजी अस्पताल में मौत हुई। उसके अगले ही दिन गांव अलेवा के एक बुजुर्ग की मेडिकल कालेज अग्रोहा में मौत हुई। हालांकि यह पहले से कैंसर व शुगर की बीमारी से पीड़ित थे। शनिवार शाम को गांव निम्नाबाद के बिजली निगम में तैनात लाइनमैन की कोरोना से मौत हो गई।

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पुरानी बीमारी वालों के लिए कोरोना जानलेवा

क्रॉनिक डिजीज (पुरानी बीमारी) वालों के लिए कोरोना जानलेवा बन रहा है। जिनकी कोरोना से मौत हुई है वे सभी मरीज पुरानी बीमारी से पीड़ित थे। जिले में कोरोना से पहली मौत गांव पेगां निवासी रामकुमार की हुई थी। रामकुमार कैंसर से पीड़ित था और उसे मुंबई से लाकर हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल किया था। दूसरी मौत गांव सिघवाल निवासी कर्मबीर की हुई। कर्मबीर टीबी का मरीज था और लंबे समय से कैथल से इलाज चल रहा था। तीसरी मौत पिल्लूखेड़ा निवासी रामदयाल की हुई। रामदयाल दस साल से किडनी व शुगर से पीड़ित था। चौथी मौत गांव खरैंटी के व्यक्ति की मौत हुई, यह दिल की बीमारी से पीड़ित था। नरवाना बाबा कुंडी के बुजुर्ग को पुरानी बीमारी थी। इसी तरह अलेवा के बुजुर्ग को कैंसर व खेड़ा खेमावती के व्यक्ति को लंबे समय से शुगर थी। ढाठरथ डेरे में मरने वाले बाबा को भी पुरानी बीमारी थी।

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वर्जन्::::::::

जिले में कोरोना के मामले बढ़े हैं। लोगों को इसके बारे में जागरूक होने की जरूरत है। जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें और मास्क का प्रयोग करें। इसके अलावा बार-बार हाथ धोते रहें। अगर बुखार आता है तो तुरंत ही अस्पताल में आकर अपना चेकअप कराएं।

-डा. मनजीत सिंह, सिविल सर्जन जींद।


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