जगमग योजना से एक भी गांव में 24 घंटे बिजली नहीं
जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेरा गांव जगमग गांव योजना सिरे च
जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेरा गांव जगमग गांव योजना सिरे चढ़ती नजर नहीं आ रही है। लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद योजना में शामिल किए गए गांवों में लाइन लॉस कम नहीं हो पाया। योजना में चार फेज में जिले के 87 गांवों का शामिल किया गया था। प्रथम व सेकेंड फेज में शामिल गांवों में निगम द्वारा मीटर बदलने, केबल डालने व अन्य कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने की वजह से तीसरे व चौथे फेज में शामिल गांवों में काम ही शुरू नहीं किया गया।
मनोहर सरकार द्वारा बिजली चोरी रोकने व बकाया बिजली बिल भरने के लिए लोगों के प्रेरित करने के उद्देश्य से मेरा गांव जगमग गांव योजना शुरू की गई थी। योजना में शामिल गांवों में शेड्यूल से अतिरिक्त बिजली भी दी गई और मीटर बदलने, केबल डालने व बकाया बिलों की रिकवरी के बाद इन गांवों में 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान किया गया था। नरवाना उप मंडल के रसीदां गांव को छोड़ दिया जाए, तो बाकि किसी भी गांव में ग्रामीणों ने योजना के प्रति रुचि नहीं दिखाई। यहां तक कि उल्टे विरोध हुआ और कई गांवों में निगम टीम के साथ बिजली कर्मियों की झड़प भी हुई। इसके चलते यह योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। निगम अधिकारियों के अनुसार इन गांवों में अतिरिक्त बिजली देने की वजह से लाइन लॉस घटने की बजाय बढ़ गया, जिससे निगम का घाटा और बढ़ गया। जिन फीडरों पर निगम ने तारों की जगह केबल डालने, खराब मीटर बदलने व मीटर घरों से बाहर निकालने का काम किया, वहां भी लाइन लॉस में कोई फर्क नहीं पड़ा। काफी फीडरों पर तो लाइन लॉस 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है। यहां निगम 15 घंटे बिजली दे रही है, जबकि बाकी गांवों में 12 घंटे का शेड्यूल है।
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चार फेज में ये फीडर किए गए शामिल
प्रथम फेज : गतौली, करसोला, दबलैन, खापड़ व मलिकपुर कुछ छह फीडर। इन फीडरों पर 11 गांव आते हैं। इनमें से चार फीडर गतौली, दबलैन, खापड़ व मलिकपुर फीडर पर कुल छह गांव में मीटर बाहर निकालने, खराब मीटर बदलने व तारों की जगह केबल लगाने का काम पूरा होने का काम पूरा हो चुका है।
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सेकेंड फेज : बधाना, रामगढ़, रसीदां, धमतान व जामनी कुल चार फीडरों पर 11 गांव आते हैं। इनमें से रसीदां, धमतान व जामनी पर काम पूरा हो चुका है। इनमें छह गांव शामिल हैं, जिनमें केबल डालने, मीटर बदलने व अन्य सभी योजना के तहत होने वाले काम पूरे हो चुके हैं।
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तीसरे व चौथे फेज पर शुरू नहीं हुआ काम
प्रथम व सेकेंड फेज के कई गांवों में ग्रामीणों के विरोध व रिस्पॉन्स नहीं मिलने की वजह से निगम ने तीसरे व चौथे फेज में शामिल फीडरों पर काम ही शुरू नहीं किया गया है। तीसरे फेज में 15 फीडरों पर 41 व चौथे फेज में 10 फीडरों पर 24 गांव शामिल किए गए थे। निगम के अनुसार गांवों में ग्राम पंचायतों का भी सहयोग नहीं मिल रहा है। अगर ग्राम पंचायत का सहयोग मिल भी जाता है, तो कोई दूसरी पार्टी अड़ंगा अटका देती हैं।
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रसीदां में दावा 24 घंटे का, सप्लाई 20 घंटे
बिजली निगम का दावा है कि जिले के गांव रसीदां में लाइन लॉस घट कर 29 प्रतिशत पर आया है, जहां निगम द्वारा 22 से 24 घंटे बिजली दी रही है। जबकि हकीकत इसके उलट है। गांव के सरपंच देवेंद्र ¨सह बंटा ने बताया कि उनका गांव हर महीने बिजली बिल भरता है। गांव में कोई डिफाल्टर नहीं है। बावजूद इसके मात्र 20 घंटे बिजली सप्लाई की जा रही है। दिन में दोपहर बाद 3 से 6 घंटे और रात को 10 से 11 बजे तक एक घंटे का कट लगता है।
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सहयोग नहीं मिलने की वजह से मेरा गांव जगमग योजना का अब तक कोई खास रिस्पॉन्स नहीं आया है। रसीदां गांव में तो लाइन लॉस कम हुआ था, जिसके बाद वहां 22 से 24 घंटे बिजली सप्लाई हो रही है। बाकी दूसरे गांव, जहां काम पूरा हो चुका है, वहां 15 घंटे बिजली दी रही है। इन गांवों में लाइन लॉस पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है। फिर भी निगम अपने स्तर पर लाइन लॉस कम करने के लिए प्रयास कर रही है।
एसके ¨सह, एसई, बिजली निगम, जींद