अंतिम दिन 100 लोगों ने भरा 17 लाख का प्रॉपर्टी टैक्स
जागरण संवाददाता जींद नगर परिषद ने वित्त वर्ष 2020-21 में प्रॉपर्टी टैक्स से चार करोड़ रुपये
जागरण संवाददाता, जींद : नगर परिषद ने वित्त वर्ष 2020-21 में प्रॉपर्टी टैक्स से चार करोड़ रुपये की आमदनी का लक्ष्य तय किया था। लेकिन पूरे साल में करीब दो करोड़ रुपये का ही टैक्स जमा हो पाया। ये भी तब संभव हुआ, जब प्रदेश सरकार की तरफ से लॉकडाउन के बाद से ही बकाया प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने पर पूरा ब्याज और मूल राशि में से 10 से 25 प्रतिशत तक छूट दी हुई थी। अगर छूट नहीं दी जाती, तो इतना टैक्स भी जमा नहीं होता। 31 मार्च को अंतिम योजना का लाभ उठाते हुए 100 से ज्यादा लोगों ने बकाया प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में करीब 17 लाख रुपये जमा कराए। दिनभर कार्यालय की खिड़कियों पर टैक्स जमा कराने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। वित्त वर्ष 2019-20 में पांच करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स से मिलने का अनुमान था, लेकिन जमा करीब 70 लाख रुपये ही हुए थे। अकाउंट ऑफिसर प्रवीन कुमार ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स पर छूट 31 मार्च तक के लिए थे। सरकार की तरफ से इसकी तारीख बढ़ाने या ना बढ़ाने के बारे में कोई सूचना नहीं आई है।
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चार साल से नहीं बांटे बिल
नगर परिषद प्रॉपर्टी टैक्स लेने के लिए कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले चार साल से शहरवासियों को प्रॉपर्टी टैक्स के बिल ही नहीं मिले। हर साल नगर परिषद को प्रॉपर्टी टैक्स के बिल बांटने होते हैं। शहर में प्रॉपर्टी टैक्स का बकाया 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसका सही आंकड़ा तो नगर परिषद अधिकारियों के पास भी नहीं है।