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जेबीटी में जाट स्कूल के 30 में से 10 विद्यार्थी पास

हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने जेबीटी का परीक्षा परिणाम घोषित किया है, जिसमें शहर के कई जेबीटी केंद्रों का परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहा। जाट स्कूल में जेबीटी सेंटर में प्रथम वर्ष 30 विद्यार्थियों में से मात्र 10 ही पास हो सके, जबकि 20 विद्यार्थियों की री अपियर आ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 11:05 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 11:05 PM (IST)
जेबीटी में जाट स्कूल के 30 में से 10 विद्यार्थी पास
जेबीटी में जाट स्कूल के 30 में से 10 विद्यार्थी पास

जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने जेबीटी का परीक्षा परिणाम घोषित किया है, जिसमें शहर के कई जेबीटी केंद्रों का परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहा। जाट स्कूल में जेबीटी सेंटर में प्रथम वर्ष 30 विद्यार्थियों में से मात्र 10 ही पास हो सके, जबकि 20 विद्यार्थियों की री अपियर आ गई है।

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खराब रिजल्ट से नाराज विद्यार्थियों ने कहा है कि स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही के कारण उनका भविष्य खराब हो रहा है। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी रहे राजेश कुमार ने कहा कि उन्होंने चार महीने पहले एसडीएम को शिकायत दी थी कि अध्यापक कक्षाएं नहीं लगा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके बाद एसडीएम ने स्कूल का दौरा भी किया था, जिसमें काफी खामियां भी पाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी शिक्षकों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

इसके बाद उन्होंने उपायुक्त को भी शिकायत की थी। उसके बाद भी स्कूल शिक्षकों के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया। शिक्षकों की लापरवाही का नतीजा अब सामने है। राजेश व अन्य विद्यार्थियों ने यह भी कहा कि जिन विद्यार्थियों ने एसडीएम व डीसी को शिक्षकों की कक्षाएं न लगाने की शिकायत की थी, उनके साथ द्वेष भावना रखते हुए शिक्षकों ने इंटरनल में उनके नंबर बहुत कम लगाए हैं, जबकि जो विद्यार्थी स्कूल में बहुत कम आते थे, उनके 20 नंबर लगा दिए हैं। शिकायत करने वालों को 7, 8, 9 नंबर लगाए हैं।

राजेश ने आरोप लगाया कि शिकायत करने वालों में शामिल एक विद्यार्थी को समय पर एडमिट कार्ड भी नहीं दिया गया, जिससे उसका एक पेपर भी मिस हो गया। दूसरे पेपरों में उसके अच्छे नंबर आए हैं, जबकि एक पेपर में री-अपियर आ गया है। उस विद्यार्थी का एचटेट भी पास हो चुका है, लेकिन री आने से अब फार्म भी नहीं भर सकेगा। इन छात्रों ने कहा कि प्रशासन यदि समय रहते शिक्षकों पर सख्ती बरतता तो आज विद्यार्थियों का भविष्य खराब नहीं होता। उन्होंने इस परिणाम के लिए शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराते हुए मांग की है कि प्रशासक को उन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।


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