बिहार के ध्यानार्थ: सड़क हादसे में कामगार की मौत, एंबुलेंस चालकों की मनमानी से चार घंटे अटका रहा शव
-दिल्ली से एंबुलेंस चालक को नहीं आने दिया मानवता हुई तार-तार
फोटो-44:
-दिल्ली से एंबुलेंस चालक को नहीं आने दिया, मानवता हुई तार-तार जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ (झज्जर): बाईपास पर शुक्रवार की शाम को एक कामगार की अज्ञात कार की टक्कर से मौत हो गई। शनिवार को पोस्टमार्टम हुआ तो शव को घर ले जाने पर एंबुलेंस चालकों की मनमानी ने चार घंटे तक मृतक के परिचितों को परेशान रखा। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। मृतक की पहचान बिहार के किशनगंज जिले के पदमपुर के रहने वाले 39 वर्षीय तौहीद आलम के रूप में हुई। बताते हैं कि वह सेक्टर-17 में फैक्ट्री के निर्माण कार्य में जुटा था। वह बाईपास की तरफ गया तो कार की चपेट में आ गया। वहां पर आसपास में किसान थे। उन्होंने तौहीद आलम को संभाला। प्राथमिक उपचार दिलवाया। बाद में सिविल अस्पताल लाए। यहां पर उसकी मौत हो गई। मृतक के तीन बच्चे हैं। ज्यादा किराये पर एंबुलेंस चालकों ने की मनमानी:
शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद मृतक के शव को घर ले जाने के लिए कोई इंतजाम नहीं थे। परिवार बेहद तंगी में है। मृतक के परिचित मोहम्मद आफताब ने बताया कि सभी परिचितों ने चंदे से पैसे जुटाए। एंबुलेंस चालकों से बात की। उन्होंने 15 रुपये प्रति किलोमीटर किराया मांगा। इस हिसाब से 45 हजार रुपये बने। यह सुनकर उन्होंने दिल्ली में बात की। वहां से 26 हजार रुपये में बात हुई, मगर स्थानीय एंबुलेंस चालकों ने दादागिरी दिखाते हुए दिल्ली से भी एंबुलेंस न आने देने की धमकी दी। ऐसे में शव चार घंटे तक शव गृह में ही रखा रहा। बाद में उन्होंने पुलिस से बात की। इसके बाद यहां से स्थानीय एंबुलेंस चालक दिल्ली तक शव ले गए। वहां से दूसरी एंबुलेंस में शिफ्ट किया। इस तरह से 26 की बजाय 29 हजार रुपये देने पड़े।