महिलाओं ने गाए मंगल गीत, भगवान कृष्ण को सुनाई लोरियां
- चूंकि जब धर्म पर अधर्म होने लगे भारी तब अवतरित होते हैं भगवान
- चूंकि, जब धर्म पर अधर्म होने लगे भारी तब अवतरित होते हैं भगवान
- झज्जर में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान कृष्ण जन्म का हुआ प्रसंग फोटो : 17 जागरण संवाददाता, झज्जर : धरती पर जब-जब अधर्म ने धर्म पर भारी पड़ने का प्रयास किया गया है तब-तब भगवान ने विभिन्न अवतारों में जन्म लिया है। भगवान अपने भक्तों को किसी तरह से दु:खी नहीं देख सकते। जब-जब भक्तों पर कोई पीड़ा आई भगवान ने निराकार रुप में जन्म लिया। झज्जर के हरीपुरा स्थित श्रीराम धर्मशाला में बीते रविवार से जारी श्रीमद् भागवत कथा के दौरान हुए कृष्ण जन्म के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए यह बात कथाव्यास भावुक कृष्ण भारद्वाज ने कही। कथाव्यास ने कहा कि श्रीमद् भागवत में भगवान कृष्ण को 16 कला संपूर्ण अवतार बताया गया है। उन्होंने कहा कि धरती पर बढ़ते वैमनस्य तथा अधर्म का बोलबाला होते ही साधु-संत, गोमाता और ब्राह्मण एकस्वर में प्रभु को पुकारते हैं। भगवान भी भक्तों की इस पुकार पर विभिन्न अवतारों में बारंबार जन्म लेते हैं। बुधवार की कथा के दौरान बाकायदा भगवान कृष्ण के जन्म प्रसंग को पारंपरिक रीति रिवाजों के अनुसार मनाया गया। भक्तजनों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी को मनाया। कलश यात्रा के बाद निरंतर जारी श्रीमद् भागवत कथा का रविवार को विधिवत समापन हो जाएगा। आयोजन में बड़ी संख्या में शहरवासी पहुंचकर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कथा के दौरान कथा संयोजक जग्गी गेरा, राम गेरा, राधेश्याम भाटिया, श्रीराम मंदिर की महिला मंडली, अश्विनी अरोड़ा, पंडित गुलशन शर्मा, संटी तलवार सहित बड़ी संख्या में शहरवासी उपस्थित रहे।