समाज संगठन व पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाने को आगे आए विश्वकर्मा समाज : मनमोहन
विश्वकर्मा समाज का सदियों से 36 बिरादरी से समरता का रिश्ता रहा है
विश्वकर्मा समाज का सदियों से 36 बिरादरी से समरता का रिश्ता रहा है फोटो : 24
जागरण संवाददाता, झज्जर : राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले विश्वकर्मा समाज का सदियों से 36 बिरादरी से समरता का रिश्ता रहा है। ऐसे में विश्वकर्मा समाज को अपने हितों की सुरक्षा करते हुए समाज संगठन व पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाने को आगे आने की आवश्यकता है। यह बात गांव खोरड़ा में आयोजित जांगिड़ समाज की बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मनमोहन खंडेलवाल ने कही। उन्होंने कहा कि भौतिकवाद के वर्तमान दौर में एक-दूसरे से दूरियां बढ़ रही हैं और आत्मनिर्भरता खत्म हो रही है। जिसके कारण समाज तेजी से बिखर के हालातों से गुजर रहा है, ऐसे में जरूरी है कि पिछड़ा वर्ग संगठित होकर समस्त समाज को नई दिशा दे। जिला अध्यक्ष ने कहा कि समाज संगठन आज समय की जरूरत है और जो समाज संगठित नहीं रहता वह आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक ²ष्टि से पिछड़ जाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संख्या बल का बड़ा महत्व है और संख्या बल के आधार पर ही न केवल शासन-प्रशासन में हिस्सेदारी तय होती है, बल्कि अपने अधिकारों को भी हासिल किया जा सकता है। मनमोहन खंडेलवाल ने कहा कि शासन व्यवस्था में हिस्सेदारी के बिना अधिकारों को नहीं पाया जा सकता। जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के प्रदेश महामंत्री एडवोकेट राजपाल जांगडा ने भी समाज एकता के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि समाज को अब संगठित होकर आगे बढऩे की जरूरत है। ताकि आने वाली पीढिय़ां विकास व तरक्की मुख्यधारा से न पिछड़े। एडवोकेट राजपाल ने महासभा के कार्यों, कार्य कार्यप्रणाली व सदस्य बनाने की विधि के विषय में विस्तार से जानकारी दी और अधिक से अधिक संख्या में सदस्य बनाने के प्रति लोगों को प्रेरित किया। आर.पी. शर्मा ने भी संगठित होने पर बल दिया। जांगिड़ समाज के बंधुओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि अब संगठित होने की महती आवश्यकता है। गांव खोरड़ा में हुई बैठक में जिला उपाध्यक्ष रमेश जांगड़ा बहु, मातनहेल खंड महामंत्री सतनारायण, सेवानिवृत्त एसडीओ आरपी शर्मा, रमेश जांगड़ा खोरड़ा, श्री भगवान जांगड़ा, रामकुमार जहाजगढ़ आदि उपस्थित रहे।