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किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर विभिन्न संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

-कहा 26-27 नवंबर को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 08:00 AM (IST)
किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर विभिन्न संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन
किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर विभिन्न संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन

फोटो : 24 जेएचआर 18, 19

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-कहा : 26-27 नवंबर को करेंगे राष्ट्रव्यापी हड़ताल, नहीं मानेंगे हार

-किसान नेताओं की गिरफ्तारी से कमजोर नही होंगे मजबूत

जागरण संवाददाता,झज्जर :

किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर गुस्साए विभिन्न संगठनों ने मंगलवार को लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार किसान नेताओं की गिरफ्तारी करके 26-27 नवंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को कमजोर करना चाहती है। लेकिन वे इन गिरफ्तारियों से डरने वाले नहीं है, बल्कि अधिक मजबूती मिलेगी। राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए भी रणनीति बनाई। साथ ही चेतावनी दी कि जल्द से जल्द गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को छोड़ा जाए। इसका खामियाजा सरकार व प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।

गिरफ्तार किए गए नेताओं को रिहा करने, कृषि कानूनों को वापस लेने, कर्मचारी व मजदूरों आदि की मांगों को लेकर सीटू, सर्व कर्मचारी संघ, आशा वर्कर, मिड-डे-मील वर्कर, पीटीआइ, नगर पालिका कर्मचारी, ग्रामीण चौकीदार, सफाई कर्मचारी, वन विभाग के कर्मचारी, आंगनवाड़ी वर्कर आदि उपायुक्त कार्यालय के बाहर ग्रीन बेल्ट में एकत्रित हुए। इसकी अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रामबीर व सीटू जिला प्रधान सरोज दुजाना ने व संचालन अनीता भागलपुरी ने किया। यहां से विरोध करते हुए कर्मचारी लघु सचिवालय तक पहुंचे। उन्होंने गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं को रिहा करने व अन्य मांगों को लेकर नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। वहीं वापस आते हुए शहर में भी प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रव्यापी हड़ताल से पीछे नहीं हड़ेंगे। चाहे सरकार व प्रशासन इसके लिए कुछ किसान नेताओं ही नहीं बल्कि सभी संगठनों के सदस्यों व पदाधिकारियों को गिरफ्तार करे।

सीटू जिला सचिव किरण ने कहा कि सरकार कर्मचारी, किसान, मजदूर व आम जनता को दबाने का काम कर रही है। किसानों पर तीन काले कानून लागू करके बर्बाद करने का काम किया है। जिन्हें जल्द से जल्द वापस लिया जाए। वहीं श्रम कानूनों में बदलाव कर दिया। जिससे साबित होता है कि सरकार पूंजीपतियों के हित के लिए काम कर रही है। प्रदर्शन के दौरान जयपाल गुढ़ा ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल को असफल करने के उद्देश्य से तानाशाही रवैये के चलते किसान नेता रामचंद्र यादव, सत्यनारायण व तेजवीर आदि को गिरफ्तार किया है। किसी भी सूरत में सरकार के तानाशाही रवैये को सहन नहीं किया जाएगा। देवेंद्र पूनिया व रमेश जाखड़ ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करते हुए स्कीम वर्कर को पक्का करे व डीए पर लगी रोक हटाई जाए। आशा वर्कर यूनियन की राज्य प्रधान प्रवेश ने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं को गिरफ्तार करके ओच्छी हरकत का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि कानखजूरा का एक पांव कटने से चलना बंद नहीं करता। उसी प्रकार कुछ किसान नेताओं के गिरफ्तार होने से 26-27 नवंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। बल्कि दोगुने जोश के साथ सभी लोग शामिल होंगे। इसके लिए सांपला टोल प्लाजा का घेराव किया जाएगा और वहां से दिल्ली कूच करेंगे। इस दौरान राजेंद्र सोलधा, शिवम, महाबीर, देवेंद्र, ममता, संदीप, राजबाला, विष्णु जांगड़ा, मोहन शर्मा, सविता, मूर्ति विनोद, सुनील, नरेश आदि शामिल हुए।


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