EXAM से पहले तनावग्रस्त हो रहे बच्चे... ये टिप्स करेंगे Tension को दूर
परीक्षाओं का समय नजदीक आते ही बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसके कारण विद्यार्थी उतना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते, जितनी उनमें क्षमता है।
जेएनएन, चरखी दादरी। परीक्षाओं का समय नजदीक आते ही बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसके कारण विद्यार्थी उतना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते, जितनी उनमें क्षमता है। तनाव का मुख्य कारण अभिभावकों व शिक्षकों की बच्चों से अत्यधिक अपेक्षा व परीक्षाओं को लेकर टाइम मैनेजमेंट का न होना है।
बच्चों को इस डर से दूर रखते हुए परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के लिए दैनिक जागरण द्वारा दादरी क्षेत्र में सार्थक, सकारात्मक अभियान चलाया गया। इसके तहत विभिन्न शिक्षाविदों, शिक्षा अधिकारियों, बाल रोग विशेषज्ञों इत्यादि से परीक्षाओं को लेकर बातचीत की गई। इस मुहिम के तहत कुछ निष्कर्ष सामने आए, जिनसे विशेषकर दसवीं व बारहवीं की परीक्षा देने वाले बच्चे लाभान्वित होंगे।
विचलित न हों
विद्यार्थियों को परीक्षा के समय में विचलित नहीं होना चाहिए। अधिकांश विद्यार्थी इस समय में सारे पाठ्यक्रम को एक साथ पढ़ने की कोशिश करते हैं, जो गलत है। विद्यार्थियों को पहले जो आता है या जिसमें रूचि है, उस पर फोकस करना चाहिए। उसके बाद पाठ्यक्रम का जो आसान भाग है उस पर ध्यान देना चाहिए।
लापरवाही न करें विद्यार्थी
परीक्षा के दौरान बच्चों में पॉजीटिव स्ट्रैस होना जरूरी है। विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बिल्कुल भी लापरवाह व बेफिक्र नहीं होना चाहिए। किसी भी परीक्षा से एक दिन पहले तैयारी नहीं की जा सकती। ऐसे में विद्यार्थियों के पास परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभी समय है। विद्यार्थी टाइम टेबल बनाकर हर रोज करीब 7 घंटे पढ़ाई अवश्य करें। साथ ही छुट्टियों का भी सदुपयोग इस दौरान करें। इसके अलावा पहले से ही मार्किंग स्कीम का भी उन्हें पता होना चाहिए।
भूखे पेट परीक्षा देने न जाएं
परीक्षा के दिनों में बच्चे तनाव के कारण अक्सर भूखे पेट सो जाते हैं या फिर भूखे पेट ही परीक्षा देने के लिए चले जाते है, लेकिन यह तरीका बच्चों की सेहत को बिगाड़ सकता है। यदि विद्यार्थी भूखे पेट परीक्षा देने जाएगा तो तनाव के कारण उसे बेहोशी, लो ब्लड प्रशर या फिर चक्कर आ सकते हैं। ऐसे में भूखे पेट कभी भी नहीं रहना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस भूख को मिटाने के लिए हम कुछ भी खाएं। विद्यार्थियों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वे परीक्षा के दिनों में केवल पौष्टिक खाना ही खाएं। अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों को फास्ट फूड के बजाय हरी सब्जियां, प्रोटीन व अन्य गुणों से भरपूर खाना ही दें।
इन बातों का रखें ध्यान
- पढ़ाई के लिए एक निर्धारित टाइम टेबल होना चाहिए, जिससे विषयों को रिवाइज करने का पर्याप्त समय भी मिल सकेगा।
- अभिभावकों को ध्यान रखना चाहिए कि वे बच्चों को स्वस्थ व एक्टिव रखने के लिए पर्याप्त और पौष्टिक खाना दें।
- अभिभावक ध्यान दें कि बच्चे पूरी नींद ले रहे हैं या नहीं।
- अभिभावक बच्चों को सकारात्मक तरीके से अच्छे अंकों के लिए प्रेरित करें। उन पर अनावश्यक दबाव न बनाएं।
- विद्यार्थियों को परीक्षा से पहले मॉडल टेस्ट पेपर्स को हल करना चाहिए।
- पाठ्यक्रम को याद करने के साथ ही लिखकर भी देखना चाहिए।
खुद से रखें प्रतियोगिता
विद्यार्थियों को कोई भी परीक्षा हो हमेशा कम्पीटिशन खुद से ही रखना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम दूसरे बच्चों को देखें कि उन्होंने कितना पढ़ा है, क्या पढ़ा है। ऐसा करने से हम अपना मनोबल कम करने लगते हैं। ऐसे में हमेशा अपने मन में खुद से ही प्रतिस्पर्धा की भावना रखनी चाहिए।