धोखाधड़ी से बचने के लिए व्हाट्स-एप या मेल पर आने वाले फर्जी लिक से सावधान रहें: जिलाधीश
उन्होंने अनुरोध किया कि नागरिक सोशल मीडिया या ई-मेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिक पर व्यक्तिगत जानकारी सांझा न करें क्योंकि ऐसा करने से वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
जागरण संवाददाता, झज्जर :
जिलाधीश श्याम लाल पूनिया ने जिलावासियों को व्हाट्स-एप या ई-मेल पर आने वाले फर्जी लिक से सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने अनुरोध किया कि नागरिक सोशल मीडिया या ई-मेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिक पर व्यक्तिगत जानकारी सांझा न करें, क्योंकि ऐसा करने से वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
जिलाधीश पूनिया ने बताया कि भोले-भाले नागरिकों के बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए साइबर अपराधी कई प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं, इसलिए सोशल मीडिया और ईमेल पर आने वाले किसी भी फर्जी लिक को खोलने से बचें। ऐसे साइबर अपराधी नकली यूपीआई आईडी के माध्यम से डोनेशन या नौकरी देने की बात कहकर लोगों से धोखाधड़ी करते हैं। इसी प्रकार, कई बार आपदा प्रबंधन का फर्जी बैंक खाता इंटरनेट मीडिया पर डालकर उसमें पैसे जमा करवाने के लिए कहते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए सोशल साइट्स पर डाले गए किसी भी असत्यापित खाते में रकम जमा न करवाएं। अंशदान करने से पहले पूरी जांच कर लें तथा इसके लिए आधिकारिक लिक का ही प्रयोग करें। बॉक्स :
डीसी ने कहा कि साइबर ठगी के अन्य तरीकों में फर्जी आनलाइन शापिग साइट बनाकर ज्यादा डिस्काउंट पर फेस मास्क, सेनिटाइजर आदि बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करना, संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी वेबसाइट्स से मिलता जुलता पेज बनाकर धोखाधड़ी करना, डब्ल्यूएचओ या अस्पताल कर्मी बताकर लोगों को काल करना व कोरोना संक्रमण किट उपलब्ध करवाना तथा होम डिलीवरी के नाम पर ओटीपी मांग कर धोखाधड़ी करना आदि शामिल हैं। क्योंकि, साइबर धोखाधड़ी करने वाले कोविड-19 से संबंधित मालवेयर लिक प्रसारित कर रहे हैं। इसे खोलते ही अपराधी रिसीवर के फोन या कंप्यूटर से पासवर्ड सहित गोपनीय डाटा चुरा लेते हैं। आपकी थोड़ी सी चूक मेहनत की कमाई गवां सकती है इसलिए लोगों को अपने ई-मेल या व्हाट्स एप पर ऐसे लिक पर क्लिक करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।