आंदोलन की आड़ी में राजनीति चमकाना चाह रहे टिकैत, ब्राह्मण समाज पर की टिप्पणी की निदा
जागरण संवाददाता बहादुरगढ़ कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े भारतीय किसान यूनिय
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को ब्राह्मण समाज को टिप्पणी देने पर समाज के लोगों में कड़ा आक्रोश देखने को मिला। समाज के लोगों ने राकेश टिकैत का भविष्य में इलाज करने की चेतावनी दी है। कृष्ण गौड़ ने बताया कि राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के धरने में ब्राह्मणों को क्या भंडारा नही लगाना चाहिए था। हम क्या कृष्ण भगवान को नही मानते हैं। उन्होंने धार्मिक स्थलों का नाम लेकर ब्राह्मणों का इलाज करने की बात कही है। कृष्ण गौड़ ने कहा कि राकेश टिकैत पंडितों पर बयान बाजी करके इस आंदोलन को जात-पात में बांट कर खंडित करने का काम कर रहा है। यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसी राजनीति हिदू समाज में पैदा की जा रही है, जिसमें एक जाति को दूसरे से लड़ाने के बीज बोए जा रहे हैं। सभी जाति वर्ग के लोग अपना सहयोग कर रहे हैं लेकिन अब ये किसान आंदोलन बदलकर राजनीति आंदोलन बनने लग रहा है। पार्षद राजपाल उर्फ पालेराम शर्मा ने कहा कि हमने इस आंदोलन को राजनीति से बचा कर रखना चाहिए। राकेश टिकैत जैसों को इस आंदोलन से दूर रखना चाहिए। नही तो आंदोलन जल्द ही गुटों में बंटकर खत्म होता नजर आएगा। राकेश टिकैत के बयान से ब्राह्मण समाज द्रवित व क्रोध में है। ब्राह्मण समाज में भी बडी संख्या में किसान हैं। ऐसे शब्दों से राकेश टिकैत या किसी भी नेता को परहेज करना चाहिए। पार्षद युवराज छिल्लर ने भी राकेश टिकैत की ओर से दिए गए बयान की कड़ी निदा की है। उन्होंने कहा कि आंदोलन की आड़ में राकेश टिकैत अपनी राजनीति चमकाना चाहता है। आंदोलन में सभी वर्ग हैं। फिर भी जात-पात की बात करता है। ऐसे व्यक्ति आंदोलन को जात-पात में बांट कर आंदोलन को फेल करने की सोचते हैं। ऐसे लोगों पर आंदोलनकारी किसानों ने भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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