एक माह तीन दिन पहले कुख्यात अंकित को बहनों ने दिया था मोबाइल
अमित पोपली झज्जर बृहस्पतिवार सांय बाइपास की साइड लेन से दुलीना जेल जा रही पुलिस वैन की जाल
अमित पोपली, झज्जर : बृहस्पतिवार सांय बाइपास की साइड लेन से दुलीना जेल जा रही पुलिस वैन की जाली को काटकर फरार होने वाले बदमाश दिचाऊं कला के कुख्यात अंकित से जुड़ी हुई संदिग्ध गतिविधि का यह कोई पहला मामला नहीं है। ठीक एक माह तीन दिन पहले अंकित की सगी एवं चचेरी बहन ने जेल में बंद विचाराधीन बंदी दिचाउकंला दिल्ली निवासी अंकित उर्फ मोनू पुत्र बिजेंद्र को एक मोबाइल, 4 जी सिम तथा एक डाटा केबल दी थी। मुलाकात के बाद देने वाले सामान की जब कारागार स्टॉफ द्वारा तलाशी ली गई तो जूते की तली में यह तीनों सामान बरामद हुए। जिसके बाद अधीक्षक के स्तर पर दुलीना चौकी में सगी एवं चचेरी बहन, दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए कार्रवाई अमल में लाई गई। इधर, बदमाश अंकित को मोबाइल आदि सामान देने के मामले में पुलिस ने 17 जनवरी की रात को ही दोनों बहनों को अदालत में पेश किया था। जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया। बहरहाल, दोनों की जमानत हो चुकी है। ---फट्टे पर पांव रखकर, हुक बनाते हुए गाड़ी से बाहर कूदे बदमाश गौरतलब है कि शहर से सटे गुरुग्राम बाइपास की साइड लेन पर गाड़ी उतरते समय तो अपनी ठीक गति पर होती है। लेकिन 500 मीटर की दूरी तय करते ही एक साथ आने वाले तीन ब्रेकरों के चलते किसी भी गाड़ी को अपनी गति कम करनी ही पड़ती है। जिसकी योजना संभवत: बदमाशों ने पहले से ही बना रखी थी।इस साइड लेन पर इन तीनों ब्रेकरों के बाद एक अन्य बड़ा ब्रेकर भी आता है। ऐसी स्थिति में बदमाशों ने सांय के समय में होने वाले अंधेरे और गति के मंदा होने, दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस स्थान का चयन किया होगा।
चालक की साइड वाली खिड़की से कूदे दोनों बदमाशों के बाद जब कुख्यात अंकित नीचे कूदा तो वह उस गति से नहीं भाग पाया। बताते है कि कि इस बदमाश के पैर में एक लोहे की रॉड डली हुई है। चूंकि पीछे रह गया बदमाश बाहर ही नहीं कूद पाया था और दूसरा ब्रेकर भी जा चुका था, ऐसे में उसने शोर मचा दिया। एकाएक मचे शोर पर सक्रिय हुई पुलिस की गार्द ने बड़ी मशक्कत के बाद अंकित को काबू करते हुए गाड़ी में डाला। बताते है कि गाडी के अंदर केबिन में बने फट्टे पर खड़ा होने के बाद एक हुक पर पांव रखते हुए जाली से बाहर कूद गए। ----गाड़ियों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा का दौर हुआ शुरू जिस तरह से घटनाक्रम सामने आया है, बेशक ही चौंकाने वाला है। 7 कर्मचारियों के निलंबन के साथ-साथ विभागीय जांच बैठाई जा चुकी है। भविष्य में इस तरह की कोई घटना नहीं हो को केंद्र में रखते हुए गाड़ियों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। गौरतलब है कि जिला पुलिस के इस तरह की 7 बसों को इस्तेमाल में लाया जाता है, जिसमें से चार बस जाली वाली है। चूंकि यह बदमाश जाली वाली बस से कूदे हैं, तो सबसे पहले जाली के बाहर लोहे की रॉड आदि लगाने का काम अतिशीघ्र किया जा सकता है। ताकि भविष्य में कोई तरह का प्रयास नहीं कर पाए। साथ ही बदमाशों को बैठाने वाले केबिन में सीसीटीवी आदि की व्यवस्था हो जाने से भी काफी हद तक मदद मिल सकती है। हालांकि, अभी इस संदर्भ में कोई कुछ भी अधिकारिक तौर पर नहीं बोल रहा है।