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..इस बार बाजार में आए जहाज व बूढ़ा पंतग बन रहे आकर्षण का केंद्र

- लोहड़ी व मकर सक्रांति का बाजार के कारोबार पर दिख रहा असर

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 08:20 AM (IST)
..इस बार बाजार में आए जहाज व बूढ़ा पंतग बन रहे आकर्षण का केंद्र
..इस बार बाजार में आए जहाज व बूढ़ा पंतग बन रहे आकर्षण का केंद्र

- लोहड़ी व मकर सक्रांति का बाजार के कारोबार पर दिख रहा असर

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- मकर सक्रांति पर जमकर होती है पतंगबाजी, अभी से दिख रहा असर फोटो : 11 जेएचआर 14, 15 जागरण संवाददाता,झज्जर :

मकर सक्रांति की बात करें तो पतंगबाजी का नाम लोगों की जुबान पर अनायास ही आ जाता है। दरअसल, जिला मुख्यालय पर मकर सक्रांति के मौके पर शहरवासी जमकर पतंगबाजी करते हैं। लोगों के उत्साह को देखते हुए नए-नए पतंग भी बाजार में आ रहे हैं, जो कि आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इस बार जहाज पतंग, बूढ़ा पतंग व चार-पांच डंडी का पतंग बाजार में खूब बिक रहे हैं। दिवस विशेष पर होने वाली पतंगबाजी का असर अभी से दिखने लगा है। दिन के समय आसमान में पतंग उड़ते दिखाई देते हैं। जिससे शहरवासियों में पतंगबाजी के प्रति लगाव का पता लगता है। हालांकि, दिन भर मकर सक्रांति पर पतंग उड़ाने का अलग ही उत्साह रहता है। बच्चे ही नहीं बड़े भी परिवार के साथ पतंग उड़ाते हैं। इसलिए मकर सक्रांति पर शहर में हजारों पतंगों की बिक्री होती है। जिसके लिए दुकानों में भी रंग-बिरंगे पतंग सजे हुए हैं। दुकानदार त्योहार से पहले ही पतंगों से दुकानों को सज लेते हैं। जो लोगों को आकर्षित करें। इधर, लोहड़ी पर्व को लेकर शहर में जगह-जगह मूंगफली व रेवड़ी की रेहड़ी लगी हुई हैं। एक तो ठंड और ऊपर से लोहड़ी का पर्व, दोनों को देखते हुए मूंगफली व रेवड़ी की मांग भी अच्छी है। जिससे रेहड़ी संचालक खुश हैं। - पतंग विक्रेता सागर ने बताया कि इस बार बाजार में जहाज व बूढ़ा पतंग नया आया हुआ है। जिसकी अच्छी मांग हैं। वहीं चार-पांच डंडियों का पतंग भी इसी बार आया है, जो आकर्षण का केंद्र हैं। शहरवासी उत्साह के साथ पतंग खरीदते हैं। शहर में लगातार दुकानें बढ़ रही हैं, इसलिए प्रति दुकान बिक्री कम हो रही है। इसी कारण इस बार भी उनके यहां से कम पतंग बिकी हैं। - पतंग विक्रेता रोहित ने कहा कि वे मुख्यत: 3, 5 व 10 रुपये के पतंग बेचते हैं। इनमें से 5 रुपये के पतंगों की बिक्री सबसे अधिक हैं। इस बार कोरोना महामारी के चलते बच्चे घरों में रहे और काफी समय से पतंगबाजी कर रहे हैं। इसलिए अब पतंगों की बिक्री पिछले वर्षों के मुकाबले कुछ कम हैं। वहीं दुकानें भी बढ़ने के कारण उनके यहां पतंगों की बिक्री कम रही है। हालांकि मकर सक्रांति तक अच्छी मांग होती है। वो अभी देखना है कि मकर सक्रांति की क्या स्थिति रहती है।


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