हरियाणा को पूरी दुनिया में मिली नई पहचान, SAAB झज्जर में बनाएगी रॉकेट लॉन्चर; Carl Gustaf M4 का होगा उत्पादन
Carl Gustaf M4 हरियाणा को पूरी दुनिया में एक नई पहचान मिलने जा रही है। रिलायंस मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप में स्वीडिश फर्म (SAAB) रॉकेट लॉन्चर का निर्माण करेगी। स्वीडिश फर्म एसएएबी (SAAB) झज्जर में कार्ल-गुस्ताफ एम4 हथियार का निर्माण करेगी। इस प्रोजेक्ट में 100 फीसदी निवेश कंपनी को होगा। कार्ल-गुस्ताफ एम4 एक अत्याधुनिक रॉकेट लॉन्चर है जिसके जरिये कई तरह के गोले दागे जा सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप झज्जर को पूरी दुनिया में एक नई पहचान मिली है। झज्जर में 8,250 एकड़ में बन रही अत्याधुनिक रिलायंस मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप में स्वीडिश फर्म एसएएबी (SAAB) रॉकेट लॉन्चर का निर्माण करेगी।
पूरे भारत में स्वीडिश कंपनी की हरियाणा के झज्जर में यह पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट होगी, जिस पर काम आरंभ हो चुका है। फिलहाल कंपनी ने रिलायंस मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप झज्जर में अपनी कंपनी के निर्माण के लिए चार एकड़ जगह है, जिसका भविष्य में विस्तार संभव है।
पूरी दुनिया में मिली नई पहचान
रिलायंस मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पूर्णकालिक निदेशक डॉ. एसवी गोयल ने बुधवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत में कहा कि स्वीडिश कंपनी के झज्जर में आने से उनके प्रोजेक्ट, झज्जर और हरियाणा को न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में नई पहचान मिली है। स्वीडिश फर्म एसएएबी (SAAB) झज्जर में कार्ल-गुस्ताफ एम4 हथियार का निर्माण करेगी। इस प्रोजेक्ट में 100 फीसदी निवेश कंपनी को होगा।
SAAB 100 प्रतिशत एफडीआइ की मंजूरी पाने वाली पहली कंपनी
कार्ल-गुस्ताफ एम4 एक अत्याधुनिक रॉकेट लॉन्चर है, जिसके जरिये कई तरह के गोले दागे जा सकते हैं। केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में कार्ल-गुस्ताफ एम4 विनिर्माण परियोजना को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही SAAB 100 प्रतिशत एफडीआइ की मंजूरी पाने वाली भारत की पहली विदेशी रक्षा कंपनी बन गई है। स्वीडन के बाहर कार्ल-गुस्ताफ एम4 के लिए साब का झज्जर (भारत) में पहला विनिर्माण संयंत्र है।
जोरों पर है बिजनेस सिटी का निर्माण
डॉ. एसवी गोयल ने बताया कि गुरुग्राम के पास झज्जर जिले में 8,250 एकड़ में फैली अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड बिजनेस सिटी का निर्माण जोरों पर है। अभी तक 480 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां यहां अपने कारोबार आरंभ कर चुकी हैं।
राजधानी दिल्ली के साथ बेहतरीन कनेक्टिविटी और जन सुविधाओं के लाभ के चलते कंपनियां यहां आकर्षित हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जो 100 स्मार्ट बनाने की घोषणा की थी, उस दिशा में रिलायंस ने बेहतरीन काम किया है। झज्जर की यह एमइटी सिटी भारत के सबसे बड़े भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल प्लेटिनम रेटेड ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों में से एक है।
128 से अधिक कंपनियां निर्माणाधीन
एसपी गोयल के अनुसार वर्तमान में 49 परिचालन कंपनियों में 40 हजार से अधिक व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। यहां 128 से अधिक कंपनियां निर्माणाधीन हैं। रिलायंस मेट सिटी झज्जर में विभिन्न क्षेत्रों में नौ विभिन्न देशों की कंपनियों के मुख्यालय हैं।
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यह कंपनियां रक्षा, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक्स, आटो घटकों, चिकित्सा उपकरणों एफएमसीजी, जूते, प्लास्टिक, उपभोक्ता उत्पादों का निर्माण कर रही हैं। यहां छह जापानी कंपनियां भी कार्यरत हैं। इस मेट सिटी में लोगों के रिहायशी प्लॉटों का भी इंतजाम किया गया है।