मंदी के दौर में लाल होने लगा टमाटर, दोगुने हुए भाव
टमाटर के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले करीब 10 दिनों के अंतराल में टमाटर का भाव दोगुना हो चुका है। इसका कारण स्थानीय टमाटर की आवक घटना माना जा रहा है।
जागरण संवाददाता, झज्जर : टमाटर के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले करीब 10 दिनों के अंतराल में टमाटर का भाव दोगुना हो चुका है। इसका कारण स्थानीय टमाटर की आवक घटना माना जा रहा है। जिसका सीधा असर आम ग्राहक की जेब पर भी पड़ रहा है। बढ़ती कीमत व कम गुणवत्ता का टमाटर होने के चलते विक्रेताओं ने भी कम मात्रा में खरीदना शुरू कर दिया है। ताकि वे जो टमाटर खरीदें वह उसी दिन बिक जाए। अगर लंबे समय तक रखा जाए तो टमाटर खराब हो जाएगा और फेंकना पड़ेगा।
पिछले काफी समय से स्थानीय टमाटर मंडी में पहुंच रहा था। लेकिन, अब टमाटर की खेती अंतिम चरण में चल रही है। इसलिए स्थानीय टमाटर की आवक पहले से काफी कम हो गई है। ऊपर से अब जो अंतिम दौर का टमाटर आ रहा है वह गुणवत्ता के मुकाबले भी अच्छा नहीं है। जिसे न तो लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं और न ही ग्राहक खरीदना पसंद करते। उल्टा प्रति कैरेट में पहले के मुकाबले अधिक टमाटर खराब निकल रहा है। फिलहाल मांग की पूíत के लिए टमाटर पंजाब से मंगवाया जा रहा है। जो स्थानीय टमाटर से महंगा है। इसलिए पहले जो टमाटर 10 रुपये प्रतिकिलो तक बिकता था वह अब 20 रुपये प्रति किलो तक बिकने लगा है। आढ़तियों व विक्रेताओं की माने तो अभी भी ग्राहकों को राहत मिलने वाली नहीं है। इसके बाद अब मांग की पूíत के लिए उत्तराखंड की मंडियों से टमाटर
मंगवाना पड़ेगा। जो इससे भी महंगा पड़ेगा। वहां से टमाटर लाने खर्च भी अधिक होता है और टमाटर भी महंगा मिलता है। हालांकि अन्य सब्जियों के भाव में कोई अधिक फर्क नहीं हुआ है। सब्जियों के भाव
बॉक्स :
सब्जी भाव प्रति किलो
टमाटर 20 रुपये
हरी मिर्च 30-35 रुपये
आलू 20 रुपये
खीरा 10-12 रुपये
टिडा 20-25 रुपये
भिडी 20 रुपये - पहले स्थानीय टमाटर आता था, इसलिए सस्ता पड़ता था, लेकिन अब स्थानीय टमाटर की आवक बिल्कुल कम हो गई है और गुणवत्ता भी। इसलिए बाहर से टमाटर मंगवाना पड़ रहा है जो महंगा पड़ रहा है। हालांकि कुछ समय बाद जब उत्तराखंड का टमाटर शुरू होगा तो वह इससे भी महंगा रहेगा।
शमशेर, आढ़ती, सब्जी मंडी, झज्जर।