आज सभी प्राइवेट स्कूल फीस कटौती के विरोध में रहेंगे हड़ताल पर
रविवार को जिला के प्राइवेट स्कूल संचालकों की ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें सोमवार को सामूहिक हड़ताल का निर्णय लिया गया। इसलिए राजस्थान सरकार व सीबीएससी द्वारा सिलेबस के साथ-साथ की जा रही फीस में कटौती का विरोध करते हुए सभी प्राइवेट स्कूल हड़ताल पर रहेंगे।
जागरण संवाददाता, झज्जर : रविवार को जिला के प्राइवेट स्कूल संचालकों की ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें सोमवार को सामूहिक हड़ताल का निर्णय लिया गया। इसलिए राजस्थान सरकार व सीबीएससी द्वारा सिलेबस के साथ-साथ की जा रही फीस में कटौती का विरोध करते हुए सभी प्राइवेट स्कूल हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान फीस कटौती पर रोक लगाने की मांग करेंगे।
हड़ताल में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित जिला के 285 स्कूल शामिल होंगे। जिलेभर के इन स्कूलों में 20 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। राजस्थान के प्राइवेट स्कूलों को भी समर्थन दिया जाएगा, ताकि राजस्थान में की गई फीस कटौती का निर्णय भी वापस लिया जाएगा।
ऑनलाइन बैठक में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के झज्जर जिला प्रधान सुभाष ढाकला, सचिव संजय दलाल, झज्जर ब्लाक के प्रधान राजबीर यादव व सतीश रईया, माछरौली ब्लाक से प्रधान पितांबर व रामनिवास, बेरी ब्लॉक से प्रधान वीरेंद्र कादयान, साल्हावास ब्लॉक से प्रधान जितेंद्र कुमार, एसडी स्कूल छपार से सतीश शर्मा व सीआर स्कूल कासनी से सुखबीर, यूनिटी स्कूल भुरावास से प्रदीप कुमार, एमडी स्कूल खुड्डन से रमेश कुमार, ज्ञान ज्योति स्कूल से सुनील कुमार आदि मौजूद रहे। मार्च से बंद स्कूल, अब फीस में कटौती नहीं सहन
सभी ने कहा कि फीस में कटौती करना गलत है। एक तो कोरोना महामारी के कारण सभी प्राइवेट स्कूल मार्च माह से बंद हैं और बच्चों की भी नहीं भरने के कारण स्थिति खराब है। ऐसे में सरकार ने फीस में कटौती करने का निर्णय करके प्राइवेट स्कूल संचालकों के खिलाफ निदनीय कदम उठाया है। इसको सहन नहीं किया जाएगा। जिला प्रधान सुभाष ढाकला ने कहा कि राजस्थान सरकार ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए 40 फीसद सिलेबस में कटौती के साथ ही प्राइवेट स्कूलों की 40 फीसद फीस में भी कटौती करने का काम किया है। वहीं सीबीएससी ने भी सिलेबस में की 30 फीसद कटौती के साथ फीस में भी 30 फीसद कटौती करने का फरमान सुनाया है। जिससे प्राइवेट स्कूलों पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद पड़े हैं और अभिभावकों द्वारा स्कूल की फीस नहीं भरने के कारण स्कूलों की दशा दयनीय हो चुकी है। सरकार ने उदासीनता के साथ किसी प्रकार से आर्थिक सहयोग दिए बिना, निजी स्कूलों की फीस पर अलग-अलग प्रतिबंध लगाकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। किसी को परवाह नहीं है कि स्कूलों से जुड़े सैकड़ों परिवारों का पालन पोषण कैसे होगा। इसी बीच राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने भी एक तुगलकी फरमान जारी कर मुश्किलें और बढ़ा दी। इस तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग करते हुए राजस्थान राज्य के प्राइवेट स्कूल 5 नवंबर से अनिश्चित हड़ताल पर चल रहे हैं। इस तुगलकी फरमान के विरुद्ध और राजस्थान के स्कूलों के सहयोग में झज्जर जिले के सभी स्कूल सोमवार 9 नवंबर को एक दिन के लिए सांकेतिक हड़ताल कर रहे है। साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में भी सोमवार को प्राइवेट स्कूल हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल के माध्यम से सरकार को चेताया जाएगा कि इस तरह के तुगलकी फरमान सुनाने से पहले जरूर सोचें।