पुलिस लाइन को बनाया अस्थायी जेल, नायब तहसीलदार ने किया रिहा
नौकरी वापस पाने के लिए पीटीआइ अपने बच्चों के साथ आजादी दिवस से एक दिन पहले मैदान में उतरे। माता-पिता के साथ बच्चे आंदोलन में शामिल हुए और गिरफ्तारी भी दी। पहले से तय जेल भरो आंदोलन के तहत शुक्रवार सुबह से ही अनाज मंडी में पीटीआइ एकत्रित होने लगे।
जागरण संवाददाता, झज्जर : नौकरी वापस पाने के लिए पीटीआइ अपने बच्चों के साथ आजादी दिवस से एक दिन पहले मैदान में उतरे। माता-पिता के साथ बच्चे आंदोलन में शामिल हुए और गिरफ्तारी भी दी। पहले से तय जेल भरो आंदोलन के तहत शुक्रवार सुबह से ही अनाज मंडी में पीटीआइ एकत्रित होने लगे। साथ ही उनके समर्थन में कर्मचारी संगठन, खापें व आमजन ने भी जेल भरो आंदोलन में भाग लिया। इस दौरान गिरफ्तारी से पहले करीब ढाई-तीन घंटे तक अनाज मंडी में सरकार के खिलाफ जमकर गरजे। नारेबाजी करते हुए सरकार को खरी-खोटी भी कही। सभी ने एक आवाज में पीटीआइ को तुरंत प्रभाव से बहाल करने की बात कही। अनाज मंडी से प्रदर्शन करते हुए सभी लघु सचिवालय तक पहुंचे। जहां पर उन्होंने गिरफ्तारी दी। यहां से उन्हें गिरफ्तार कर बसों में भरकर पुलिस लाइन में बनाई गई अस्थायी जेल में ले जाया गया। बाद में प्रक्रिया के तहत नायब तहसीलदार ने उन्हें रिहा कर दिया। खाप प्रतिनिधियों ने दिया समर्थन
जेल भरो आंदोलन में भाग लेते हुए धनखड़ खाप के प्रतिनिधि युद्धवीर धनखड़ ने कहा कि सरकार पीटीआइ को तुरंत प्रभाव से बहाल करे। सरकार को चाहिए कि वह पीटीआइ के परिवार की तरफ भी देखे। उनके परिवार की रोजी-रोटी न छीने। वहीं दलाल खाप के प्रतिनिधि जीतराम दलाल ने कहा कि वे पीटीआइ की इस लड़ाई में साथ खड़े हैं। जहां कहीं भी जरूरत पड़ेगी वे पीछे नहीं हटेंगे। हर हाल में पीटीआइ को नौकरी वापस दिलाकर रहेंगे। हरियाणा अध्यापक संघ के राज्य प्रधान जगरोशन ने कहा कि सरकार ने पीटीआइ को नौकरी से हटाकर गलत किया है। जिसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। जब तक सरकार पीटीआइ को बहाल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वे किसी भी कदम पर पीछे नहीं हटेंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष जय प्रकाश बैनीवाल ने कहा कि सरकार कर्मचारी विरोधी नीतियों को लागू करती जा रही है। न्यायालय के आदेश के खिलाफ पीटीआइ को हटाना बिल्कुल गलत है। किसान सभा ही नही आम जन भी पीटीआइ के साथ खड़े हैं। मिड-डे-मील वर्कर की राज्य प्रधान सरोज दुजाना ने कहा कि सरकार की नीति प्रत्येक कर्मचारी के शोषण की है। सरकार एक तो विभागों का निजीकरण करने पर तुली हुई है, ऊपर से पीटीआइ को 10 साल की सेवा के बाद नौकरी से हटा दिया। रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान विजय माजरा ने कहा कि सरकार ने पीटीआइ का रोजगार छीनकर दो हजार परिवारों के पेट पर लात मारने का काम किया है। आशा वर्कर से किरण व प्रवेश ने कहा कि सरकार पीटीआइ को तुरंत प्रभाव से बहाल करें। दो हजार लोगों के शामिल होने का दावा
संघर्ष समिति के जिला देवेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार के ढुलमुल रवैये के खिलाफ पीटीआइ का रोष बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को पूरे जोश व उत्साह के साथ पीटीआइ, विभिन्न कर्मचारी संगठनों, खापों व आम जनता ने जेल भरो आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने दावा किया कि आंदोलन में करीब दो हजार लोग शामिल हुए। पीटीआइ अपने आत्मसम्मान की लड़ाई में पीछे हटने वाले नहीं हैं। चाहे उसके लिए उन्हें कोई भी कदम क्यों न उठाना पड़े। अब वे डोर-टू-डोर अभियान चलाकर सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनता तक पहुंचाएंगे।
पीटीआइ के जेल भरो आंदोलन को देखते हुए पुलिस लाइन को अस्थायी जेल बनाया था। करीब 400-500 से अधिक लोगों ने गिरफ्तारी दी है। उन्हें 8 रोडवेज बसों में भरकर पुलिस लाइन में लेकर जाया गया। कुछ समय बाद छोड़ दिया गया।
ईश्वर सिंह, नायब तहसीलदार, झज्जर।