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नालों की सफाई सवालों के घेरे में, 49 दुकान, एक धर्मशाला, दो मकान, चार गलियां, तोड़े नहीं स्लैब

सोमवार से मौसम में बदलाव की संभावनाएं हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह लगातार बरसात होगी। ऐसे में नगर परिषद की ओर से नालों की सफाई के काम में खानापूर्ति ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:16 AM (IST)
नालों की सफाई सवालों के घेरे में, 49 दुकान, एक धर्मशाला, दो मकान, चार गलियां, तोड़े नहीं स्लैब
नालों की सफाई सवालों के घेरे में, 49 दुकान, एक धर्मशाला, दो मकान, चार गलियां, तोड़े नहीं स्लैब

जागरण संवाददाता, झज्जर : सोमवार से मौसम में बदलाव की संभावनाएं हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह लगातार बरसात होगी। ऐसे में नगर परिषद की ओर से नालों की सफाई के काम में खानापूर्ति ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

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आंबेडकर चौक की एक साइड के काफी हिस्सों में सफाई का काम सवालों के घेरे में है। जहां एक तरफ नगर परिषद ने दुकानों के सामने नाले पर बने स्लैब को तोड़कर सफाई की है। वहीं दूसरी तरफ स्लैब को तोड़े बिना ही सफाई करने के दावा किया जा रहा है। जबकि, दुकानदारों का कहना है कि यहां अच्छे से सफाई न होने के कारण मानसून के दौरान दिक्कत बढ़ सकती है। जबकि, दूसरी साइड के लोग अभी तक नप द्वारा किए गए काम से परेशान हैं। क्योंकि, आंबेडकर चौक से रविद्र छिक्कारा चौक तक ही अकसर बरसात के दिनों में पानी भरता है। जिस तरह के हालात सफाई की गंभीरता को देखते हुए बन रहे हैं, पूरी प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में आ गई है। क्षेत्र के लोग दबी जुबान में कहने लगे है कि अब की दफा उनका मानसून में पहले से भी ज्यादा बुरा हाल होगा। बहरहाल, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है कि पालिका के दावों किस हद तक पूरे होते हैं। सफाई के काम में बरती गई सिर्फ मनमानी

जिस साइड के स्लैब तोड़े बगैर सफाई की गई है, वहां 49 दुकानें, एक धर्मशाला, दो मकान तथा चार गलियां लगती हैं। दावा है कि मानसून से पहले सभी नालों की सफाई की गई है। लेकिन लोगों ने सफाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अच्छे से सफाई नहीं की गई है। दुकानदार नरेश, कैलाश, सुनील, अनूप, अशोक, नवीन व सोनू आदि ने बताया कि उनकी दुकानों के आगे नाले पर बने स्लैब को रंजिश के तहत तुड़वाया गया है। जिसके कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। दुकानदारी भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने पानी न भरे इसके लिए नालियां भी बना रखी हैं, जिससे बरसाती पानी नाले में चला जाए। नाला रुका हुआ नहीं होने के कारण भी इसे तोड़ा गया है। बहरहाल, सफाई के इस काम में सिर्फ मनमानी बरती गई है। प्रशासनिक स्तर पर इस कार्य की जांच होनी चाहिए। दुकानों के आगे बने नाले की सफाई नहीं की

दुकानदार हुकम, धीरू, रामफल व प्रवीण ने बताया कि दुकानों के आगे बने नाले की सफाई नहीं की गई। बरसात के मौसम से पहले सफाई होनी चाहिए, ताकि जलभराव न हो। नाले की सफाई न होने के अभाव में बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या आती है। प्रशासन ने भी सफाई के नाम पर खानापूíत की है। एकाध जगह से सफाई की गई है। लेकिन इससे समाधान तो नहीं हो सकता। इसलिए नालों की अच्छे से सफाई होनी चाहिए। बरसात के मौसम को देखते हुए सभी नालों की अच्छे से सफाई करवाई गई है। एक तरफ नालों को ऊपर से पक्की करके ढका हुआ था। जिसे तोड़े बिना सफाई संभव नहीं थी। वहीं दूसरी तरफ नाले पर अस्थाई स्लैब होने के कारण उन्हें हटाकर सफाई कर दी गई।

अरुण नांदल, सचिव, नगर परिषद, झज्जर।


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