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वाहन की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार की मौत

पानीपत से रेवाड़ी जा रहे मोटरसाइकिल सवार को गांव सिलानी के पास अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। मोटरसाइकिल सवार को गंभीर चोटें आई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 06:40 AM (IST)
वाहन की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार की मौत
वाहन की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार की मौत

जागरण संवाददाता, झज्जर : पानीपत से रेवाड़ी जा रहे मोटरसाइकिल सवार को गांव सिलानी के पास अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। मोटरसाइकिल सवार को गंभीर चोटें आई। उसे राहगीरों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस व स्वजन जिला अस्पताल में पहुंचे। पुलिस ने मृतक के चाचा के बयान पर मामला दर्ज करते हुए शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सौंप दिया।

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पानीपत की राजीव कॉलोनी निवासी हवासिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसका भतीजा 30 वर्षीय दीपक फेरी लगाकर कंबल व चादर बेचने का काम करता है। फिलहाल वह अपने साथियों के साथ रेवाड़ी जिला में कंबल व चादर बेचता था। वह शनिवार को मोटरसाइकिल पर सवार होकर रेवाड़ी के लिए चला था। झज्जर के गांव सिलानी के पास पहुंचा तो किसी वाहन ने उसे टक्कर मार दी। घायल अवस्था में उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल में लाया गया। यहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। त्योहारों की खुशिया बढ़ाने के लिए निकले कदम तो गमगीन माहौल से त्योहार फीके

त्योहारों की खुशियों को बढ़ाने के लिए पानीपत की राजीव कॉलानी निवासी दीपक ने शनिवार को रेवाड़ी आने के लिए कदम बाहर निकाले थे। लेकिन यह सफर दीपक के लिए अंतिम सफर बनकर रह गया। उसे क्या पता था कि इसके बाद वह कभी भी इस रूट ही नहीं किसी भी रूट पर सफर नहीं कर पाएगा। हालाकि वह आमतौर पर कई बार पानीपत से रेवाड़ी व रेवाड़ी से पानीपत मोटरसाइकिल पर ही गया है। लेकिन कुदरत को कुछ ओर ही मंजूर था, इसलिए झज्जर के गाव सिलानी के पास सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई।

मृतक दीपक के चाचा हवासिंह ने बताया कि दीपक रेवाड़ी इसलिए जा रहा था ताकि वह फेरी लगाकर कंबल व चादर बेचकर कुछ पैसे कमा सके। ताकि त्योहार अच्छे से मनाया जा सके। वहीं दीपक को दीपावली से पहले वापस घर भी जाना था। लेकिन सड़क हादसे में दीपक की मौत के बाद पूरा परिवार गमगीन माहौल में डूबा हुआ है। इधर, जोगेंद्र ने बताया कि उसकी चचेरी बहन पूजा की शादी दीपक के साथ करीब 5 साल पहले हुई थी। जिसके बाद दोनों खुशी-खुशी जीवन जी रहे थे। करवाचौथ पर दीपक रेवाड़ी से अपने घर गया था। वहीं पूजा ने करवाचौथ का व्रत रखकर अपने पति दीपक की लंबी उम्र की दुआ भी मागी थी। लेकिन भगवान को यह मंजूर नहीं थी। करवा चौथ के तीन दिन बाद ही सड़क हादसे में पति को छीन लिया। साथी ने आराम से चलने की दी थी नसीहत

दीपक के साथी आजाद ने बताया कि पानीपत से चलने से पहले उसकी फोन पर बात हुई थी। दीपक ने आजाद से कहा था कि वह कहा पर मिलेगा। क्योंकि दीपक को कमरे की चाबी चाहिए थी। इसलिए आजाद से कहा कि कमरे पर मिला। वहीं आजाद ने दीपक को नसीहत देते आराम से सावधानी बरतते हुए आने के लिए कहा। आजाद दीपक के रेवाड़ी पहुंचने का इंतजार कर रहा था, लेकिन उसके पास जब सूचना आई तो उसके पाव तले जमीन खिसक गई। फोन पर सूचना मिली की दीपक सड़क हादसे का शिकार हो गया। तीन भाई-बहनों में था सबसे बड़ा

पानीपत की राजीव कॉलोनी निवासी रामपाल को तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ा दीपक, दूसरे नंबर का बबलू व सबसे छोटी बहन सुमन। सबसे बड़ा होने के चलते सभी दीपक से प्यार करते थे और वह भी अपने छोटे भाई-बहन से प्यार करता था। लेकिन इस उम्र में ही बहन-भाई का साथ झोड़कर चला गया। पिता की तबीयत खराब होने के कारण दीपक के कंधों पर भार

दीपक के पिता रामपाल की तबीयत पिछले काफी समय से खराब चल रही है। इसलिए वे काम भी नहीं कर पाते थे। वहीं दीपक बहन-भाईयों में बड़ा होने के कारण उनके कंधों पर ही पूरे परिवार भार था। हालाकि छोटा भाई भी हाथ बंटाते हुए फेरी लगाकर कंबल व चद्दर बेचने का काम करता था। दीपक कड़ी मेहनत करके परिवार को अच्छा माहौल देने की सोच रखता था। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर जांच आरंभ कर दी थी। मृतक दीपक के चाचा हवासिंह के बयान दर्ज किए गए हैं। बयानों के आधार पर मामला दर्ज करते हुए शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सौंप दिया।

जितेंद्र, जांच अधिकारी।


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