अब शेड्यूल के अनुसार ही होगी खरीद, बिना शेड्यूल मंडी ना पहुंचे किसान
-सरकार द्वारा दी गई छूट नहीं आई रास भरने लगी मंडी तो फिर से शुरू की शेड्यूलिग
-सरकार द्वारा दी गई छूट नहीं आई रास, भरने लगी मंडी तो फिर से शुरू की शेड्यूलिग
-उठान धीमा होने के कारण गेहूं से भरने लगी मंडियां जागरण संवाददाता,झज्जर :
अब फिर से अनाज की खरीद शेड्यूल के अनुसार की जाएगी। बिना शेड्यूल खरीद प्रक्रिया करीब एक सप्ताह में ही बंद करने की स्थिति उत्पन्न हो गई। मंडियों में गेहूं की आवक अधिक होने के कारण अनाज डालने तक की जगह काफी कम मिल रही है। इसलिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है। अब चंडीगढ़ मुख्यालय द्वारा किसानों का शेड्यूल जारी किया जाएगा और फोन पर मैसेज भेजा जाएगा। जिस किसान के फोन पर अनाज खरीद का मैसेज आएगा, वे किसान ही सरकारी खरीद के दौरान अनाज बेच पाएंगे। इसके लिए मार्केट कमेटी ने भी निर्देश जारी किए हैं। ताकि किसानों को परेशानी ना हो। नया नियम लागू होने के बाद किसान अपने अनाज को पहले की तरह इच्छा अनुसार मंडियों में नहीं ला पाएंगे। एक अप्रैल से अनाज की खरीद शुरू की गई थी। खरीद प्रक्रिया को सुचारू चलाने के लिए प्रशासन द्वारा 10 गेहूं के खरीद केंद्र व पांच सरसों के खरीद केंद्र बनाए। शुरूआत के तीन दिन शेड्यूल के अनुसार खरीद की गई, लेकिन मंडियों में धरातल पर स्थिति यह थी कि खरीद नहीं हुई। इसलिए सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को इच्छा अनुसार मंडी में पहुंचने के अनुमति दे दी। लेकिन यह राहत भी लंबी नहीं चली। स्थिति यह बनी की गेहूं की आवक अधिक होने के कारण मंडियों भरने लगी हैं। उठान धीमा है और आवक तेज। ऐसे में गेहूं डालने के लिए भी काफी कम जगह बची थी। इसलिए सरकार ने अब निर्णय लिया है कि फिर से शेड्यूल के अनुसार खरीद होगी। -अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान सतबीर सिंह मल्हान ने कहा कि गेहूं का उठान काफी धीमा है। इसलिए गेहूं डालने तक की जगह नहीं बची। दुकानों के आगे भी गेहूं डाला हुआ है। सरकार को चाहिए कि उठान तेज किया जाए। उठान नहीं होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। -झज्जर मार्केट कमेटी की सचिव सविता सैनी ने बताया कि अब शेड्यूल के अनुसार ही अनाज की खरीद होगी। मुख्यालय से इसके निर्देश मिल चुके हैं। अब मंगलवार से वही किसान अनाज लेकर मंडी में पहुंचे, जिनके पास चंडीगढ़ से जारी शेड्यूल के अनुसार मैसेज पहुंचा हो। ताकि किसी प्रकार की परेशानी ना हो। अब बिना शेड्यूल अनाज की खरीद नहीं की जाएगी।