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रात का रिपोर्टर : कंपकंपा देने वाली रातों में खुले आसमान के नीचे पहरा दे रहे धरती पुत्र

-किसानों ने कहा ठंड का नहीं बेसहारा पशुओं का डर

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 09:00 AM (IST)
रात का रिपोर्टर : कंपकंपा देने वाली रातों में खुले आसमान के नीचे पहरा दे रहे धरती पुत्र
रात का रिपोर्टर : कंपकंपा देने वाली रातों में खुले आसमान के नीचे पहरा दे रहे धरती पुत्र

फोटो : 6 जेएचआर 30, 31 -किसानों ने कहा : ठंड का नहीं, बेसहारा पशुओं का डर अधिक

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- बेसहारा पशुओं के डर से रात को देना पड़ रहा खेतों में पहरा विक्की जाखड़, साल्हावास : कंपकंपाती रातों में जहां आम लोग ठंड से बचने के लिए घरों में सोते रहते हैं। वहीं, धरती पुत्र कहे जाने वाले किसान अपनी फसलों को सुरक्षित करने के लिए रातभर पहरा दे रो हैं। दरअसल, वे किसी भी मौसम में अपनी जिम्मेवारी से पीछे नहीं हटते। दैनिक जागरण की टीम ने रात का रिपोर्टर कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान किसानों से भी मुलाकात भी हुई। किसानों का कहना था कि ठंड से ज्यादा तो बेसहारा पशुओं का डर लगता है। हर समय यहीं चिती रहती है कि कहीं करी-कराई मेहनत पर पशु पानी ना फेर दें। घर पहुंचने के बाद ही यह चिता सताती रहती है। इसलिए पूरी-पूरी रात जागते हुए बिताते हैं, ठंड से बचने के लिए खेतों में ही आग जला लेते हैं। लेकिन, घर जाने से परहेज करते हैं, जिससे की फसलों को सुरक्षित बचाएं रखें। बॉक्स :

रात का रिपोर्टर कार्यक्रम के तहत दैनिक जागरण की टीम मंगलवार रात करीब सवा 10 बजे गांव झांसवा से हमायूंपुर रोड पर पहुंची। वहां तीन-चार लोग खड़े मिले। उनसे बातचीत कि तो बताया कि वे अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं। हमायूंपुर के किसान श्रीभगवान ने बताया कि फसलें बड़ी हो रही हैं। साथ ही बेसहारा पशुओं का भय भी रहता है, कहीं खेती को नुकसान ना पहुंचा दें। दो-तीन साथी मिलकर दो-तीन घंटे रखवाली करने आते हैं। अगर रात यहां पर रखवाली के लिए गुजारते हैं तो हमारी फसल भी अच्छी हो जाएगी और बेसहारा पशुओं के नुकसान से छुटकारा बचा जा सकेगा। किसान विजय कुमार ने बताया कि किसान की कमाई फसल पर ही टिकी रहती हैं। अगर इस समय हम घर में ठंड से बचने के लिए रजाई में सो जाएंगे तो बेसहारा पशु हमारी गेंहू व सरसों की फसल में नुकसान पंहुचाएंगे। यहां तक कि चट भी कर सकते हैं। आपस में इकट्ठा होकर खेतों की रखवाली कर रहे हैं। अब बरसात का मौसम था, इसमें रखवाली करना भी आसान नहीं था। अगर खेत में रखवाली के लिए नहीं आएं तो पशु फसलों को खराब कर देंगे। कंपकंपाती ठंड की बजाए बेसहारा पशुओं का अधिक डर है। इसके बाद जब टीम आगे बढ़ी तो मातनहेल पुलिस चौकी की पीसीआर गश्त करती नजर आई। चौकी इंचार्ज रणबीर ने बताया कि रात को पुलिस टीमें गश्त पर रहती है। ताकि अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। क्षेत्र में सुबह 4 बजे तक पुलिस की अलग अलग टीमें पेट्रोलिग करती हैं, ताकि रात को किसी प्रकार किसी आमजन के साथ व किसी गांव में कोई अप्रिय घटना ना हो।


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