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साइबर ठगों का नया तरीका, लॉटरी जीतने का प्रलोभन दे करते हैं ठगी

- किसी अनजान से साझा न करें बैंक की जानकारी बरतें सतर्कता विक्रांत भूषण

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 07:00 AM (IST)
साइबर ठगों का नया तरीका, लॉटरी जीतने का प्रलोभन दे करते हैं ठगी
साइबर ठगों का नया तरीका, लॉटरी जीतने का प्रलोभन दे करते हैं ठगी

- किसी अनजान से साझा न करें बैंक की जानकारी, बरतें सतर्कता : विक्रांत भूषण

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-पुलिस ने आमजन को ठगों से सावधान रहने के लिए जारी की एडवाइजरी जागरण संवाददाता,झज्जर :

दिन-प्रतिदिन साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के नए-नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं। साइबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली ठगी से बचने के लिए आम नागरिक का जागरूक होना आवश्यक है। सहायक पुलिस अधीक्षक, बेरी विक्रांत भूषण ने बताया कि साइबर अपराधी इंटरनेट के माध्यम से ठगी करने में सक्रिय रहते हैं। इंटरनेट पर लॉटरी स्कैम नया नहीं है। इंटरनेट यूजर की बैंक डिटेल हासिल करने का तरीका बहुत पुराना है। साइबर अपराधी इंटरनेट और स्मार्टफोन यूजर को धोखाधड़ी का शिकार बनाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। इनमें से एक बेहद आम तरीका है, स्मार्टफोन या इंटरनेट यूजर को ऐसे लिक भेजना, जिनमें मिलियन डॉलर की लॉटरी की बात करके लोगों को लिक पर क्लिक करने का प्रलोभन देना है। इनका मकसद इस तरह के मैसेज भेजकर उनकी बैंक डिटेल हासिल करना होता है। ये लिक यूजर को मैसेज या ई-मेल के जरिए भेजे जाते है। एक मोटी रकम का लालच देकर ठगी का शिकार बना लिया जाता है।

इसके अलावा गिरोह कॉल करके लाखों रुपये की लाटरी व इनाम निकलने का झांसा दे देते हैं। इसके लिए वाट्सएप पर बाकायदा लॉटरी नंबर की रसीद बनाकर भेजी जाती है। साथ ही उन्हें मोबाइल नंबर देकर वाट्सएप कॉल करने के लिए भी कहा जाता है। कॉल करने के बाद साइबर ठग इनाम की राशि लोगों को देने के बदले टैक्स भरने के लिए पैसों की मांग करते हैं। जिन मोबाइल नंबरों को इस प्रकार की ठगी में प्रयोग किया जाता है, उनको आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता। असल में यह ठग स्पूफिग और वाइस ओवर इंटरनेट टेलीफोनी का इस्तेमाल करते हैं, ताकि उनकी असली पहचान छुपी रहे और उन्हें आसानी से ट्रेस न किया जा सके। लोगों के मोबाइल पर कॉल आती है, जिसमें कहा जाता है कि उनकी कंपनी ने कुछ मोबाइल नंबर सिलेक्ट किए हैं, उन चुने गए नंबरों में से आपका मोबाइल नंबर भी है। इस प्रकार लोगों को लाखों रुपए के इनाम जीतने का प्रलोभन देते हैं। जिससे आम आदमी उनकी बातों में आकर उनके द्वारा बताए गए तरीके अनुसार अपने मोबाइल या कंप्यूटर से अपराधियों द्वारा मांगी गई सूचना उपलब्ध करवा देते हैं। साइबर ठग लोगों को इनाम की राशि अपने बैंक के माध्यम से लेने के लिए बोलते हैं। वे यह राशि बैंक के माध्यम से लेने के लिए बैंक को कुछ टैक्स अदा करने के लिए कहते हैं। जिससे आम आदमी लाटरी या इनाम के लालच में आकर अपने बैंक खाते उनको सांझा कर देते हैं और उनके झांसे में आ जाते हैं। इस प्रकार साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। इस प्रकार की कोई भी कॉल या मैसेज आता है तो उस पर विश्वास करके अपनी प्रतिक्रिया न दें। इनसे सावधान रहें।

उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल के दिशा निर्देशानुसार आमजन को धोखाधड़ी से सावधान रहने की अपील करते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। ठगों द्वारा किए गए एसएमएस, वाट्सएप मैसेज, कॉल व फर्जी ई-मेल के माध्य से कार, नकद पुरस्कार व अन्य सामान जीतने के लालच में ना आकर सावधान रहे। उन्होंने कहा कि आजकल धोखेबाज लोग लाटरी का नाम देकर एसएमएस, वाट्सएप मैसेज कॉल और यहां तक कि ई-मेल के माध्यम से नकली ऑफर देते है। इसे देखकर व्यक्ति उत्सुक हो जाता है और अपनी पर्सनल बैंक डिटेल किसी अज्ञात से सांझा कर लेता है। आमतौर पर एक फीस की मांग की जाती है, जो कि जीते हुए पुरस्कार को प्राप्त करने से पहले भुगतान करना होता है, जिसमे भुगतान किए हुए पैसे भी जाते है और बदले में कुछ भी नहीं मिलता है। कोई भी व्यक्ति किसी को फ्री में कोई ऑफर नहीं देता। उसके पीछे उसकी मंशा भोले नागरिकों को अपने जाल में फांसने की होती है, इसलिए इस प्रकार से प्रलोभन में ना आए और सावधानी बरतते हुए सतर्क रहें।


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