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पौधारोपण के साथ सुरक्षित रहना भी जरूरी, 80 फीसद तक बच रहे पौध

पर्यावरण को बचाने के लिए पौधारोपण अह्म कड़ी है। ताकि पर्यावरण शुद्ध हो सके। लेकिन पौधारोपण के साथ-साथ पौधों को सुरक्षित रखना भी जरूरी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 10:00 AM (IST)
पौधारोपण के साथ सुरक्षित रहना भी जरूरी, 80 फीसद तक बच रहे पौध
पौधारोपण के साथ सुरक्षित रहना भी जरूरी, 80 फीसद तक बच रहे पौध

जागरण संवाददाता, झज्जर : पर्यावरण को बचाने के लिए पौधारोपण अह्म कड़ी है। ताकि पर्यावरण शुद्ध हो सके। लेकिन पौधारोपण के साथ-साथ पौधों को सुरक्षित रखना भी जरूरी है। हर वर्ष वन विभाग से लेकर आम लोगों तक हर कोई पौधारोपण करता है। जबकि, पौधारोपण के बाद उनकी सुरक्षा की तरफ बहुत कम ध्यान दिया जाता है। इसलिए काफी पौधे नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में जरूरत है तो पौधों को सुरक्षित रखने की। अगर विभागीय आंकड़ों की बात करें तो औसतन पौधारोपण के प्रथम वर्ष 80 फीसद ही पौधे सुरक्षित बचते हैं। वहीं दूसरे वर्ष इनकी संख्या घटकर 70 फीसद पर आ जाती है। वन विभाग के आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019-20 के दौरान 1 लाख 81 हजार 123 पौधे लगाए गए। इनमें से 76 हजार 930 बड़े पौधे, 11 हजार छोटे पौधे, 8 हजार 503 सफेदे, 84 हजार 690 पौधे लोगों में वितरित करके पौधा रोपण हुआ। साथ ही विभाग ने 50 हजार 741 पौधों को बेचा है। वन विभाग पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम बढ़ाते हुए मानसून सत्र में प्रतिवर्ष पौधारोपण करता आ रहा है। पौधारोपण के बाद इन्हें पशुओं से, मौसम से व खुद लोगों से भी खतरा होता है। जो इन सभी खतरों से बच जाते हैं वे पेड़ बनकर पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम रोल अदा करते हैं। इसके लिए केवल विभाग ही नहीं सभी को मिलकर कदम बढ़ाने होंगे। वन विभाग फिलहाल नहरों के किनारे, ड्रेन के किनारे व सड़कों के किनारे पौधा रोपण पर विशेष ध्यान दे रहा है। सालभर के लक्ष्य में से अधिकतर पौधे यहीं पर लगाए जाते हैं। साथ ही सरकारी जमीन पर भी पौधारोपण किया जाता है। वहीं आम लोगों व संस्थाओं को साथ लेकर पौधे लगाए जाते हैं। इस दौरान छायादार व लकड़ी देने वाले पौधों को अहमियत दी जाती है। जिसके तहत नीम, शीशम, सफेदा आधिक प्रजातियों के पौधों को अधिक लगाए जा रहे है।

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- विभाग जिला को हराभरा बनाने के लिए लगातार पौधारोपण कर रहा है। आम तौर पर एक साल में 80 फीसद तक ही पौधे सुरक्षित बच पाते हैं। पौधों को बचाने के लिए विभाग के साथ-साथ आम लोगों को भी जागरूक होना होगा।

संदीप गोयल, डीएफओ, वन विभाग, झज्जर।


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