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जागरण विशेष : सुरक्षित मातृत्व के लिए आíथक मजबूती देने में जुटा विभाग

- डिलीवरी से पहले व बाद में दी जा रही आíथक सहायता ताकि खानपान व खुद का रख सकें ध्यान

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 06:00 AM (IST)
जागरण विशेष : सुरक्षित मातृत्व के लिए आíथक मजबूती देने में जुटा विभाग
जागरण विशेष : सुरक्षित मातृत्व के लिए आíथक मजबूती देने में जुटा विभाग

- डिलीवरी से पहले व बाद में दी जा रही आíथक सहायता, ताकि खानपान व खुद का रख सकें ध्यान

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- महिला एवं बाल विकास विभाग गर्भवती महिलाओं को पीएमएमवीवाइ के तहत दे रहा पाच हजार रुपये

- अप्रैल-202 से जनवरी-2021 तक 3795 महिलाओं को दी आíथक सहायता फोटो : 6 जेएचआर 19 जागरण संवाददाता, झज्जर : जच्चा-बच्चा को मजबूत करने की कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग गर्भवती की डिलीवरी से पहले ही अपनी तैयारी कर रहा है। ताकि जन्म लेने वाले बच्चे को अच्छा स्वास्थ्य व शारीरिक मजबूती मिले। इसके लिए महिलाओं को डिलीवरी से पहले ही 5-5 हजार रुपये की आíथक मदद दी जाती है। जिसके लिए आगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर गर्भधारण करने वाली महिलाओं का रजिस्ट्रेशन करवाती है। महिलाओं को रजिस्ट्रेशन के बाद पहले बच्चे के जन्म पर 5-5 हजार रुपये तीन किश्तों में दिए जाते हैं। साथ ही विभाग ये पैसे सीधे लाभार्थी के खाते में डालता है ताकि उसे पैसों के लिए कहीं पर कोई परेशानी न हो। बॉक्स :

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (पीएमएमवीवाइ) के तहत अप्रैल-2020 से जनवरी-2021 तक कुल 3 हजार 795 महिलाओं को आíथक लाभ दिया गया है। ये जिले की वे महिलाएं हैं, जो पहले बच्चे को जन्म देने वाली हैं। इसके तहत 1 करोड़ 23 लाख 39 हजार रुपये की राशि दी गई है। वहीं जिन्हें तीनों किश्त नहीं मिली हैं, उनकी प्रक्रिया चल रही है। यह योजना 1 जनवरी 2017 को शुरू की गई थी। जिले की बात करें तो 1 जनवरी 2017 से अब तक कुल 19 हजार 720 महिलाओं को 7 करोड़ 93 लाख 60 हजार रुपये की राशि दी जा चुकी है। - पहली किश्त महिलाओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद मिलती है। दूसरी किश्त 150 दिन बाद दी जाती है और तीसरी किश्त जन्म लेने वाले बच्चे को सभी टीके लगने के बाद दी जाती है। जिसके लिए विभाग महिलाओं को पहले बच्चे के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भी प्रेरित कर रहा है। इसके पीछे का मूल कारण यह भी है कि डिलीवरी के दौरान महिलाओं को खाने पीने व खुद का रख रखाव करने के लिए पैसों की कमी का सामना न करना पड़े। क्योंकि गर्भधारण से डिलीवरी के बाद तक महिला को खानपान व खुद का ध्यान रखने की अधिक जरूरत होती है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को यह भी हिदायत दी जाती है कि वे अपना रजिस्ट्रेशन करवाते समय जो खाता नंबर दें, वह आधार कार्ड से लिंक हो। ताकि पैसे आने में कोई दिक्कत न हो। - पीएमएमवीवाइ के तहत महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म पर पाच-पाच हजार रुपये दिए जा रहे हैं। ताकि महिला को पैसों की तंगी से ना जूझना पड़े। इसके लिए आगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर महिलाओं का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जुटी हुई हैं। इस योजना के तहत पैसे सीधे लाभार्थी के खाते में डाले जाते हैं।

नीना खत्री, पीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग, झज्जर।


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