व्यवस्था बनाए जाने तक बिना मानदेय के एक माह ओवरटाइम करेंगे कर्मचारी
जागरण संवाददाता, झज्जर : विभाग द्वारा रोडवेज कर्मचारियों का ओवर टाइम समाप्त करने के निण
जागरण संवाददाता, झज्जर : विभाग द्वारा रोडवेज कर्मचारियों का ओवर टाइम समाप्त करने के निर्णय के चलते हो रही यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए इंटक यूनियन ने आमजन की सुविधा के लिए पहल की है। इंटक यूनियन के पदाधिकारियों ने बैठक कर जनहित में निर्णय लिया है।
इंटक के प्रदेशाध्यक्ष अनूप सहरावत ने बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में बताया कि रोडवेज के इंटक यूनियन से जुड़े हुए कर्मचारी एक माह तक रूटीन के दिनों के मुताबिक बिना मानदेय के ओवरटाइम करेंगे बाद में व्यवस्था बनने पर विभाग उन कर्मचारियों को मात्र रेस्ट देने की व्यवस्था करें।
वहीं हरियाणा रोडवेज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ ने कहा कि विभाग का फैसला ठीक है, इससे कर्मचारियों का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। लेकिन विभाग ने यह निर्णय जल्दबाजी में लिया है। विभागीय अधिकारियों को इसे लागू करने के लिए पहले ग्राउंड लेवल पर रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए थी और भर्ती प्रकिया को भी पूरा करना चाहिए था। उधर, ओवरटाइम समाप्त करने का असर सबसे ज्यादा असर लंबे रूटों पर पड़ रहा है। चंडीगढ़ जाने के लिए यात्रियों को रोहतक से बस पकड़नी पड़ रही है। लोकल रूटों पर जाने वाले यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यात्री हो रहे परेशान
विभाग द्वारा कर्मचारियों का ओवरटाइम समाप्त करने का फैसला यात्रियों के लिए परेशानी का कारण साबित हो रहा है। लंबे रूटों के अलावा लोकल रूटों पर जाने पर भी यात्रियों को बसों के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल- कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों और नौकरी पेशा लोगों को हो रही है। जिन्होंने रोडवेज के पास बनवा रखे हैं। उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए रूटीन के दिनों की अपेक्षा काफी इंतजार करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि जिले में रोडवेज की 170 बसें है। जिसमें से झज्जर डिपो में 116 बसें है। जबकि 313 चालक और 298 परिचालक अपनी सेवाएं दे रहे है। ओवर टाईम समाप्त होने के चलते करीब 40 बसों के चक्कर कम हुए है। जिससे व्यवस्थाओं में असंतुलन बनने लगा है। यात्री अशोक कुमार ने बताया कि बेरी जाने के लिए पिछले 20 मिनट से इंतजार कर रहे है। लेकिन रोडवेज बस नहीं आई। परिवार के अन्य सदस्य भी साथ में है। जिसके चलते परेशानी हो रही है। वहीं रोहतक जाने वाले सतबीर ने बताया कि उन्हें विभाग के फैसलों से कोई मतलब नहीं, व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। अधूरे इंतजामों के बीच फैसला लागू करना उचित नहीं।