..वो समझ रहे दर्द, समय पर दे रहे दवा, बढ़ रहा विश्वास
संकट की इस घड़ी में वो जनता का दर्द समझ रहे हैं। समय पर दवा भी दे रहे हैं। हालांकि अब दवा लेने के लिए अस्पताल में नहीं जाना पड़ता।
जागरण संवाददाता, झज्जर : संकट की इस घड़ी में वो जनता का दर्द समझ रहे हैं। समय पर दवा भी दे रहे हैं। हालांकि, अब दवा लेने के लिए अस्पताल में नहीं जाना पड़ता। स्वास्थ्य सेवाओं के हुए विस्तार के दृष्टिगत अब दवा देने वाले चिकित्सक घर तक पहुंचने लगे हैं। जिन्हें घर तक चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो पर रहे। ऐसे लोगों के लिए फोन के माध्यम से भी सेवाएं दी जा रही हैं।
कुल मिलाकर सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं और इनसे जुड़ी टीम ने जिस तरह का काम किया है, जनता का विश्वास काफी हद तक बढ़ गया है। खास बात यह भी है कि इन दिनों में स्वास्थ्य विभाग के संसाधनों में भी इजाफा हुआ है। पीपीई किट जो कि यदा-कदा इस्तेमाल होने वाला उत्पाद था, इन दिनों में अच्छी खासी संख्या में विभाग के पास स्टॉक उपलब्ध हैं। समय की जरूरतों को समझते हुए मेडिकल वैन अलग तरह की तैयार कर दी गई हैं। कड़ी मेहनत करते हुए फील्ड में काम कर रही टीम
लॉकडाउन का पहला चरण शुरू होने के साथ जब फील्ड में सर्वे सहित अन्य कार्य शुरू किए गए तो स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हर कड़ी ने एक दूसरे के काम को बढि़या ढंग से समझा। क्षेत्र को कंटेनमेंट घोषित किए जाने के बाद फील्ड में उतरने का विषय हो या आइसोलेशन वार्ड सहित विशेष ड्यूटी करने वाला पहलू। विभाग की टीम के चिकित्सक हो या अन्य स्टाफ सभी अपनी जिम्मेदारी को शानदार ढंग से निभा रहे हैं। एक समय में जब झज्जर में संक्रमितों की संख्या मात्र 25 दिनों में 90 का आंकड़ा पार कर गई थी। उस दौरान से स्टाफ भी अपने घर नहीं जाकर विश्राम आदि में ठहरा हुआ हैं। इधर, स्टाफ की मेहनत को जिला अधिकारियों सहित चंडीगढ़ मुख्यालय में बैठे हुए उच्चाधिकारियों से भी सराहना प्राप्त हुई है। कारण कि झज्जर मॉडल ने जिस तरह से संक्रमितों को ढूंढ़ते हुए बाहर निकाला और समय पर हिस्ट्री को ट्रैक करते हुए अस्पताल तक पहुंचाया। सभी कुछ बेहतर टाइमिग के साथ हुआ। ऐसी स्थिति में अब सकुशल होकर लौटने वालों का आंकड़ा भी 100 फीसद तक पहुंचने वाला हैं। जिला में आए छह वेंटिलेटर
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की दिशा में मुख्यालय का भी जिला स्वास्थ्य विभाग को खूब साथ मिला हैं। काबिले जिक्र है कि प्राय: जिले में तीन-तीन वेंटिलेटर मुहैया कराए गए हैं। जबकि, झज्जर जिले में छह वेंटिलेटर दिए गए हैं। इनमें तीन वेंटिलेटर झज्जर तथा तीन वेंटिलेटर बहादुरगढ़ के लिए आए हैं। गौर करें तो कोरोना से निपटने की तैयारियों के दौरान सरकारी अस्पताल में एक भी वेंटिलेटर नहीं था। जिला के अंतर्गत आने वाले निजी अस्पतालों के वेंटिलेटर इस्तेमाल किए जाने की व्यवस्था शुरूआती दौर से की गई। चूंकि, अब सुधार जमीनी स्तर पर होने लगा तो परिणाम भी बढि़या ही आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिला स्तर पर पुलिस एवं प्रशासन से जुड़े हर विभाग के साथ बेहतर तालमेल से कार्य किया है। जिले की जनता ने भी खूब साथ दिया है। स्वास्थ्य सेवाओं के ²ष्टिगत हर स्तर पर तैयारियां की जा रही है। कोरोना महामारी के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों का भी टीम हर संभव ध्यान रख रही है।
- डा. आरएस पूनिया, सिविल सर्जन, झज्जर।