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कोरोना योद्धाओं के परिवार के लिए एचडी संस्था ने बढ़ाया कदम

एचडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की ओर से ऐसे सभी कोरोना योद्धाओं के परिवारों के लिए निशुल्क शिक्षा दिए जाने की पहल की गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 06:30 AM (IST)
कोरोना योद्धाओं के परिवार के लिए एचडी संस्था ने बढ़ाया कदम
कोरोना योद्धाओं के परिवार के लिए एचडी संस्था ने बढ़ाया कदम

संवाद सूत्र, साल्हावास : एचडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की ओर से ऐसे सभी कोरोना योद्धाओं के परिवारों के लिए नि:शुल्क शिक्षा दिए जाने की पहल की गई है। जो कि कोविड की ड्यूटी निभाने के दौरान शहीद हुए हैं। दरअसल, मौजूदा विषम परिस्थितियों में कोरोना योद्धा गांव हो या शहर, पहली पंक्ति में खड़े रहकर सेवा कर रहे हैं। वे इन दिनों में भी अपने परिवार के साथ ना तो समय बीता पा रहे हैं और ना ही उचित ढंग से ध्यान रख पा रहे हैं। विद्यालय के निदेशक रमेश गुलिया एवं विशाल नेहरा ने कोरोना योद्धाओं को नमन करते हुए यह घोषणा की है, ऐसे सभी परिवारों के बच्चों को संस्था की ओर से मुफ्त शिक्षा दी जाएगी, जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान अपने पिता को खो दिया है। संस्था निदेशक गुलिया ने बताया कि उनके यहां पिता विहीन बच्चों से पहले ही आधी फीस ली जाती है। जिसकी वजह से सैंकड़ों ऐसे बच्चे शिक्षा ग्रहण कर पाए। गुलिया के मुताबिक वे आने वाले समय में भी ऐसे ही समाज सेवा से जुड़े हुए कार्य करते रहेंगे। क्योंकि, आदर्श समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए जरूरी हो जाता है कि हम सभी अपना बेहतर ढंग से योगदान दें। कोविड से जान गंवाने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता दे सरकार: अरुण खत्री

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जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

कांग्रेस नेता अरुण खत्री ने कहा की कोविड-19 की दूसरी लहर में जान गंवाने वालों के लिए मुआवजे की मांग की है। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिला झज्जर व प्रदेश में कोरोना वायरस की चपेट में आने के चलते जान गंवाने लोगों के आश्रितों को सरकार की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। वहीं जिन परिवारों में घर का कमाने वाला सदस्य ही नहीं रहा तो उसके परिजनों को सरकार द्वारा दस हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए ताकि उन परिवारों का घर खर्च चल सके। अरुण खत्री ने कहा की जिन परिवारों में घर का कमाने वाला सदस्य नहीं रहा और उनके छोटे बच्चे हैं तो ऐसे बच्चों को भी कम से कम उनके 21 साल का होने तक प्रदेश सरकार द्वारा पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दें और उनकी पढ़ाई का खर्च भी सरकार द्वारा उठाया जाए।


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