इनेलो की टूट पर मनोहर बोले- पार्टियां बननी चाहिए पर बिगड़े नहीं
इनेलो में चल रहे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पार्टियां बननी चाहिए, लेकिन बिगड़नी नहीं चाहिए।
बहादुरगढ़, जेएनएन। इनेलो में चल रहे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पार्टियां बननी चाहिए, लेकिन बिगड़नी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि बिगड़े हैं तो नए भी बने हैं, लोकतंत्र है। लोकतंत्र में अच्छी बात है पार्टी बने। बता दें, आज जींद में अजय चौटाला ने इनेलो से अलग राह चलने की बात कही है।
सीएम बहादुरगढ़ में फुटवियर डिजाइन इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करने पहुंचे थे। अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दिल्ली के स्कूलों का निरीक्षण करने आने के न्योते पर सीएम ने केजरीवाल को अपने दायरे में रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बाकी उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है।
इस दौरान मनोहर लाल ने खरखोदा की 900 एकड़ भूमि में विश्व का सबसे बड़ा फुटवियर पार्क बनाने की घोषणा की। कहा कि इससे क्षेत्र के विकास के साथ-साथ युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि 910 एकड़ में विकसित होने वाले इस फुटवियर पार्क में 620 प्रोडेक्शन प्लाट आबंटित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फुटवियर पार्क में फुटवियर से संबंधित कौशल विकास केंद्र के लिए 5 एकड़ भूमि भी उपलब्ध रहेगी, ताकि स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण उपरांत रोजगार के अवसर मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने बहादुरगढ़ के उद्योग एवं उद्यमियों के लिए बड़े तोहफों की घोषणा करते हुए करीब 32 एकड़ पर ट्रांसपोर्ट नगर विकसित करने, एक एकड़ में इंडस्ट्रियल वेस्ट डिस्पोजल सेंटर बनाने, 60 एकड़ भूमि पर नए कॉर्मशियल व इंडस्ट्रियल प्लाट काटने के साथ अनेक घोषणाएं की। उन्होंने प्रदेश के हर शहर में सीवरेज व्यवस्था को दुरूस्त करते हुए पीपीपी मोड पर सुपर सकर मशीन उपलब्ध कराने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि कौशल विकास एवं गुणवत्त्ता नियंत्रण केंद्र में प्रति वर्ष 7 से 8 हजार प्रशिक्षार्थी फुटवियर तकनीक का प्रशिक्षण ले सकेंगे और उन्हें फुटवियर उद्योग में ही रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंंने राज्य सरकार की नई पॉलिसी के अंतर्गत सरकार की ओर से करीब ढाई करोड़ रूपये के सहयोग स्वरूप अधिक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग रोजगार उपलब्ध कराने में बड़ा महत्व है। इसी उद्देश्य के साथ सरकार का भी दायित्व है कि ऐसे उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। इसी सोच के तहत सूक्ष्म, लघु औद्योगिक इकाईयां जिनका लोड 20 किलोवाट से कम होगा उनका बिजली खर्च 4 रूपए 75 पैसे प्रति यूनिट होगा और इस तरह 1.75 रुपये से दो रुपये तक प्रति यूनिट का लाभ लघु उद्योगों को मिलेगा।