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झज्जर को मिला नगर परिषद का दर्जा, विकास को मिलेगी गति

जागरण संवाददाता, झज्जर : 10 साल पहले 15 सौ की आबादी कम रह जाने के कारण नगर परिषद बनन

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 10:40 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 10:40 PM (IST)
झज्जर को मिला नगर परिषद का दर्जा, विकास को मिलेगी गति
झज्जर को मिला नगर परिषद का दर्जा, विकास को मिलेगी गति

जागरण संवाददाता, झज्जर : 10 साल पहले 15 सौ की आबादी कम रह जाने के कारण नगर परिषद बनने से चूके झज्जर का अब दर्जा बढ़ गया है। पालिका के स्तर पर भेजे गए प्रस्ताव को सरकार के स्तर पर मंजूरी प्रदान कर दी गई है। जिसकी जानकारी बकायदा कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने सोमवार को सिलानी गांव के कार्यक्रम में दी। नगर परिषद का दर्जा मिलने के निर्णय के बाद चेयरपर्सन कविता नंदवानी, उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग के साथ विभिन्न पार्षदों व शहर के गणमान्य लोगों ने सीएम मनोहर लाल, स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन का आभार जताते हुए इस प्रस्ताव को सिरे चढ़ाने का श्रेय कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को दिया। कहा कि झज्जर शहर के भौगोलिक विस्तार को देखते हुए लंबे समय से नगर पालिका को परिषद का दर्जा देने की मांग चली आ रही थी। पूर्व में भी इस मांग को आगे बढ़ाया गया था। लेकिन तकनीकी कारणों के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया।

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उल्लेखनीय है कि झज्जर जिला में नगर परिषदों की संख्या दो नामत: बहादुरगढ़ व झज्जर हो गई है। नगर परिषद का दर्जा मिलने से शहरी क्षेत्र का विस्तार होगा, साथ ही नागरिकों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में नगर पालिका झज्जर ने इसके लिए प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भिजवाया था। जिसे सरकार के स्तर पर अब मंजूर कर लिए जाने से दर्जा बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि शहर को नगरपालिका से नगरपरिषद का दर्जा दिलवाने के लिए शहर की आबादी ही काफी है। ऐसी स्थिति में पंचायतों को अब नगरपरिषद में शामिल नहीं किया जाएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी 48,424 थी, जो कि नपा के फार्मूले के अनुसार वर्तमान में करीब 71 हजार पहुंच गई है। नपा को नगरपरिषद का दर्जा दिलवाने के लिए केवल 50 हजार आबादी की आवश्यकता होती है, जिसे झज्जर शहर पार कर चुका है। ऐसे में अब शहर को नगरपरिषद का दर्जा दिए जाने का रास्ता साफ है। निदेशालय के स्तर पर इस फाइल को 4 फरवरी को ही चंडीगढ़ मंगवा लिया था। जिसके बाद अब 13 फरवरी को कैबिनेट की बैठक भी हो चुकी है। पहले से ही पूरी तैयारी में चल रहे प्रबंधन के स्तर पर नगरपरिषद के दर्जे के लिए पांच पंचायतों से प्रस्ताव मांगे गए थे। नगरपालिका ने खेड़ी-खातीवास, गुढ़ा, कैमलगढ़, खाजपुर व जौंधी से यह प्रस्ताव मांगे थे। इधर, नगरपरिषद का दर्जा मिलने के बाद शहर को काफी फायदा मिलेगा। झज्जर शहर के विकास के लिए पहले की अपेक्षा ज्यादा बजट मिलेगा। वहीं शहर की सफाई तथा अन्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सफाई कर्मियों की संख्या भी बढ़ जाएगी। वरिष्ठ स्तर के अधिकारी भी परिषद में बैठते हुए कार्यों को निपटाएंगे। जिससे आमजन को मदद मिलना स्वभाविक है। शहर के विकास कार्यों के लिए नगरपालिका को नगर परिषद का दर्जा दिलवाने का प्रयास सफल हो गया है। सीएम मनोहर लाल, कैबिनेट मंत्री धनखड़, कविता जैन के स्तर पर इस मांग को सिरे चढ़ने में काफी मदद मिली है। उम्मीद है कि आने वाले समय में झज्जर के लोगों को इसका अच्छा खासा फायदा होगा।

कविता नंदवानी, चेयरपर्सन, नपा झज्जर।

शहर के विकास के लिए होने वाले कार्यों के साथ दर्जा बढ़ना एक बड़ी बात है। सोच के रूप में भी शहर के लोगों को अब बेहतर लगेगा। प्रदेश स्तर पर मिलने वाली ग्रांट हो या स्टॉफ, दोनों ही विषयों में बढ़ोत्तरी से शहर के दिन बहुरेंगे।

प्रवीण गर्ग, उपाध्यक्ष, नपा झज्जर।


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