तंत्र के गण : समृद्धि : पति की मौत के बाद खुद संभाला घर, दूसरी महिलाओं को भी ट्रेनिग देकर बनाया आत्मनिर्भर
-करीब पांच साल पहले ट्रेनिग लेकर शुरू किया था काम
जागरण संवाददाता,झज्जर :
पति की मौत के बाद अपने मायके रह रहे मुनेश देवी ने अपने बच्चों का खर्च उठाने के लिए खुद कुछ करने का सपना लेकर कदम बढ़ाए। पहले खिलौने, रस्सी व सजावटी सामान बनाने की ट्रेनिग ली। ताकि वे खुद इन्हें बना सके। करीब पांच साल पहले उन्होंने अपना काम भी शुरू किया। ना केवल खुद काम शुरु करके घर का खर्च उठाया, बल्कि दूसरी महिलाओं व लड़कियों को भी इसकी ट्रेनिग दी। ताकि दूसरी महिलाएं व लड़किया भी ट्रेनिग के बाद अपना खुद का काम शुरू कर पाएं।
गांव नूना माजरा निवासी मुनेश देवी ने बताया कि उसका दो बच्चे, एक लड़का व एक लड़की है। करीब 11 साल पहले उनके पति की मौत हो गई थी। परिवार की स्थिति को देखते हुए वे अपने मायके झज्जर की छावनी कालोनी में रहने लगी। यहां पर उन्होंने मायके वालों पर निर्भर होने की बजाए खुद अपना व अपने परिवार का खर्च उठाने की ठानी। जिसके बाद स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और ट्रेनिग भी ली। जब उन्होंने अपना काम शुरू किया और लोगों के लिए अलग-अलग उत्पाद बनाए। लोगों ने उत्पादों को काफी सराहा। अच्छा काम चलने से उन्हें आर्थिक सहारा भी मिला। जिसके बाद उन्होंने लड़कियों व महिलाओं को ट्रेनिग दी। जिससे वे भी खुद का काम शुरू कर सकें। साथ ही अपने घर की जरूरत अनुसार भी सजावटी आदि समान तैयार कर सकें। उन्होंने बताया कि वे अभी तक करीब 60 से अधिक महिलाओं को ट्रेनिग दे चुकी हैं। हालांकि फिलहाल कोरोना महामारी के कारण काम अधिक नहीं चल रहा, लेकिन पहले अच्छी कमाई होती थी। बाक्स :
सार्थक स्वयं सहायता समूह की प्रधान गोमती ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2008 में स्वयं सहायता समूह बनाया था। इस समूह में मुनेश भी जुड़ी। समूह की सदस्य होने के बाद मुनेश को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। ताकि वह खुद का काम करके घर खर्च आसानी से चला सके। मुनेश ने समूह से जुड़ने के बाद खुद ट्रेनिग ली। ताकि वह खुद का काम शुरू कर सके। अब वे दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।