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..चुनिदा जगहों पर होगी फॉगिग, विभाग ने फीडबैक के आधार पर लिया निर्णय

मानसून के बाद जगह-जगह जलभराव से मच्छर पैदा होने लगते हैं। ऐसे में देखने को मिलता है कि मच्छरों के लिए पूरे शहर या गांव में फॉगिग करवाई जाती है। लेकिन इस बार डेंगू या मलेरिया का पॉजिटिव केस मिलने के बाद आस-पास की चुनिदा जगह पर ही फॉगिग करवाई जाएगी ताकि दूसरे लोगों को परेशानी नहीं हो।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 07:30 AM (IST)
..चुनिदा जगहों पर होगी फॉगिग, विभाग ने फीडबैक के आधार पर लिया निर्णय

दीपक शर्मा, झज्जर : मानसून के बाद जगह-जगह जलभराव से मच्छर पैदा होने लगते हैं। ऐसे में देखने को मिलता है कि मच्छरों के लिए पूरे शहर या गांव में फॉगिग करवाई जाती है। लेकिन इस बार डेंगू या मलेरिया का पॉजिटिव केस मिलने के बाद आस-पास की चुनिदा जगह पर ही फॉगिग करवाई जाएगी, ताकि दूसरे लोगों को परेशानी नहीं हो।

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दरअसल, फॉगिग के कारण होने वाले नुकसान को भी ध्यान में रखना जरूरी है। प्रारंभिक रूप से सामने आया है कि सांस वाले मरीजों के लिए फॉगिग हानिकारक होती है। साथ ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना पॉजिटिव मरीज भी हैं। कोरोना संक्रमित को भी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में अगर अनावश्यक क्षेत्रों में फॉगिग होती है तो सांस लेने की समस्या बढ़ने संभावना रहती है।

स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम के साथ-साथ मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम में भी जुटा हुआ है। अगर जिला की बात करें तो अब तक मलेरिया के तीन मरीज मिल चुके हैं, वहीं डेंगू का एक भी मामला सामने नहीं आया है। विभाग लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ एंटी लारवा एक्टिविटी भी कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मुख्य रूप से लोगों को लंबे समय तक पानी एकत्रित नहीं होने देने के लिए जागरूक कर रही हैं। कारण कि घरों के आसपास पानी लंबे समय तक एकत्रित नहीं होगा तो मच्छरों का लारवा नहीं पनपेगा। इसी कड़ी में निरंतर घरों, दुकानों व ऑफिसों में जाकर कूलर, पानी की टंकियां, ड्रम, होद आदि की जांच की जा रही हैं। जहां कहीं भी लारवा मिल रहा है, उसे नष्ट करके लोगों को दोबारा लारवा नहीं पनपने देने की हिदायत टीम दे रही है।

गांव में पंचायत व शहर में नपा को करवानी होगी फॉगिग

मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर फॉगिग करवाई जाती है। फॉगिग करवाने का यह काम गांव स्तर पर ग्राम पंचायतों का होता है। वहीं शहर में नगर पालिका या नगर परिषद को करना पड़ता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग दवाई उपलब्ध करवाता है और फॉगिग के निर्देश जारी करता है। हालांकि कुछ साल पहले तक फॉगिग का कार्य भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे ही होता था। इधर, बरसात के बाद शहर ही नहीं जिले के विभिन्न गांवों में भी जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। जलभराव में मच्छर भी पैदा होने लगे हैं। जलभराव को समय से निपटान करना भी जरूरी है

जहां कहीं भी डेंगू या मलेरिया का मरीज मिलेगा नियमानुसार उसके घर के आसपास ही फॉगिग करवाई जाएगी। पूरे शहर या गांव में फॉगिग नहीं होगी। सांस वाले मरीजों का विशेष ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। एंटी लारवा एक्टिविटी के तहत लारवा को नष्ट करने के लिए टीम गंभीरता से जुटी हुई हैं।

डा. संजय दहिया, सीएमओ, झज्जर।


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