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बिरोहड़ के किसान राजपाल का मत्स्य पालन ने बदला जीवन

-सरकार की कल्याणकारी योजना से जुड़कर शुरू किया झींगा पालन बढ़ाई आय

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 07:10 AM (IST)
बिरोहड़ के किसान राजपाल का मत्स्य पालन ने बदला जीवन
बिरोहड़ के किसान राजपाल का मत्स्य पालन ने बदला जीवन

-सरकार की कल्याणकारी योजना से जुड़कर शुरू किया झींगा पालन, बढ़ाई आय

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-चार साल पहले आय का कोई साधन नहीं, विभाग ने दिखाई राह-चार माह में कमा रहा 10 लाख फोटो : 19 जेएचआर 14, 18, 19 जागरण संवाददाता,झज्जर :

करीब चार साल पूर्व तक उपजाऊ जमीन ना होने के कारण आर्थिक रूप से परेशान चल रहे गांव बिरोहड़ के किसान राजपाल के जीवन में सरकार की कल्याणकारी नीति से एकाएक बदलाव आया। इसी दौरान किसान राजपाल को सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग के बारे में पता लगा, तो अपनी एक हेक्टेयर भूमि में झींगा पालन करते हुए आर्थिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए। किसान राजपाल ने सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए पहली बार 2017 में मत्स्य पालन का व्यवसाय शुरू किया। मत्स्य पालक राजपाल अब चार माह के उत्पादन कार्य पर दस लाख रुपए का आर्थिक उपार्जन कर रहा है।

झींगा मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने वाले किसान राजपाल के जीवन में सरकार की मत्स्य पालन योजना ने एक बड़ा बदलाव लाते हुए उसे एक अग्रणी मत्स्य पालक के रूप में आदर्श बनाया। वह अब अन्य किसानों को भी स्वरोजगार की दिशा में राह दिखा रहा है। राजपाल का कहना है कि वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है और उसके पास आय का करीब चार साल पूर्व तक कोई स्थाई स्त्रोत नहीं था। उसकी जमीन भी नमकीन होने के कारण उपजाऊ नहीं थी। ऐसे में उसने जिला मत्स्य विभाग झज्जर व केंद्रीय मत्स्य शिक्षण संस्थान लाहली की देखरेख में सरकार की योजना की जानकारी ली और पूरी रूपरेखा तैयार करते हुए झींगा पालन का कार्य अपनाया। पहली बार में 2017 में राजपाल ने 30 लाख झींगा का बीज तालाब में डाला और इन्हें 7.742 टन झींगा का उत्पादन किया। राजपाल ने जुलाई 2020 में 4.5 लाख झींगा बीज अपनी यूनिट में डाला और नवंबर 2020 में इन्होंने 8.863 टन झींगा मछली का उत्पादन किया। इस तरह झींगा मछली उत्पादन से अच्छी-खासी आय शुरू हो गई। अब चालू वित्त वर्ष के माह अप्रैल में राजपाल ने 3 लाख झींगा बीज तालाब में डाला है।

जिला मत्स्य अधिकारी जय गोपाल ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे बिरोहड़ के किसान राजपाल की कार्यशैली की सराहना की। उन्होंने विभागीय गतिविधियों से अवगत कराते हुए बताया कि सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता में मत्स्य पालन विभाग झींगा पालक को नए तालाब निर्माण पर 8 लाख रुपए की लागत का 60 प्रतिशत की दर से महिला एवं अनुसूचित जाति वर्ग के झींगा पालकों को व्यवस्था प्रबंधन के लिए एवं 40 प्रतिशत की दर से सामान्य वर्ग के पुरुष झींगा पालन के लिए अनुदान दे रही है। इसके उपरांत मछली के बीज व खाद-खुराक पर 6 लाख रुपए की लागत पर भी 60 प्रतिशत की दर से महिला एवं अनुसूचित जाति के झींगा पालकों को व 40 प्रतिशत की दर से सामान्य वर्ग के झींगा पालन को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस समय जिला में 25 मत्स्य किसान 25 हेक्टेयर भूमि में झींगा पालन का कार्य कर रहे हैं। बाक्स :

हरियाणा सरकार की योजनाएं आमजन के हितों को सुरक्षित रखने के साथ ही आर्थिक रूप से साधन संपन्न बनाने में सहयोगी हैं। मत्स्य पालन विभाग के माध्यम से बिरोहड़ के किसान के जीवन में आए बदलाव ने यह सिद्ध कर दिया है कि आमजन सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए हर पहलू पर सशक्त बन सकते हैं।

श्याम लाल पूनिया, डीसी, झज्जर।


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