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किसान 15 अप्रैल से शुरू करें कपास की बिजाई

- अच्छे से खेत को करें तैयार बीज उपचार का भी रखें ध्यान

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 06:50 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 06:50 AM (IST)
किसान 15 अप्रैल से शुरू करें कपास की बिजाई
किसान 15 अप्रैल से शुरू करें कपास की बिजाई

- अच्छे से खेत को करें तैयार, बीज उपचार का भी रखें ध्यान

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जागरण संवाददाता,झज्जर :

किसान 15 अप्रैल से कपास की बिजाई कर सकते हैं। अच्छी फसल के लिए किसान अपनी खेतों को भी अच्छे से तैयार करें। खेतों में खरपतवार को ना रखने दें, जिससे की कपास की फसल अच्छी हो। वहीं कपास को बीमारियों से बचाने के लिए बिजाई से पूर्व बीज उपचार भी करना चाहिए। जिससे कि बिजाई के बाद कपास बीमारियों से सुरक्षित रहे और अच्छी पैदावार हो सके। कपास की बिजाई का उचित समय 15 अप्रैल से जून माह के अंतिम सप्ताह तक है। इस दौरान किसान कपास की बिजाई कर सकते हैं। जिन खेतों में रबी फसलों की कटाई व कढ़ाई हो चुकी है या फिर कपास बिजाई के लिए खाली रखे हुए हैं, वे अभी से कपास बिजाई की तैयारी करें। अगेती बिजाई करने से किसानों को इसका लाभ मिलेगा। खासकर रेतीले इलाके के किसान तो अगेती बिजाई पर विशेष ध्यान दें। ताकि गर्मी के कारण कपास के पौधे जलने की स्थिति पैदा ना हो।

ऐसे करें बीज उपचार बॉक्स : - किसान स्ट्रेप्टोसाइक्लिन नामक दवाई से बीज उपचार कर सकते हैं। इसके लिए किसान कपास के बीज को करीब दो घंटे तक पानी में डालकर रखें। इसके बाद पानी से बाहर निकालें और एक ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन दवाई को इस बीज में मिला दें। इसके कुछ समय बाद किसान बिजाई कर सकते हैं।

- जहां पर दीमक की समस्या हो वहां पर किसान क्लोरपाईफोर्स 20 ईसी दवाई से उपचार करें। इसकी 10 ग्राम मात्रा का प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं। या फिर जिस पानी में कपास का बीज डालकर रखा है, उसी पानी में दवाई को मिला सकते हैं।

- सूत्रकृमि की समस्या से कपास का बचाव करने के लिए बायो टीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। 5-6 किलोग्राम बीज को 50 एमएल बायो टीका से बीज उपचार करें।

बॉक्स : अच्छी पैदावार के लिए खाद का भी उचित मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। किसान प्रति एकड़ के हिसाब से 150 किलोग्राम एसएसपी, 40 किलोग्राम एमओपी व 10 किलोग्राम जिक डालना चाहिए। इसके लिए किसान एक एकड़ में 150 किलोग्राम यूरिया खाद डाले। यह बिजाई के बाद अलग-अलग समय में डाली जाती है। किसान कपास की फसल का भी ध्यान रखें।

- कृषि विभाग के एडीओ डा. अशोक सिवाच ने बताया कि 15 अप्रैल के बाद कपास की बिजाई कर सकते हैं। किसान अगेती बिजाई का प्रयास करें। क्योंकि अभी तापमान भी कम है। अगेती बिजाई करने से पौधे जमीन से बाहर निकल आएंगे और जब गर्मी बढ़ेगी, उस समय तक पौधे बड़े व गर्मी सहन करने योग्य भी हो जाएंगे। लेट बिजाई करने की स्थिति में कपास के पौधे गर्मी के चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है।


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