जागरण सरोकार : दीपावली पर लाखों घरों को रोशन करेंगे झज्जर की मिट्टी के दीये
झज्जर आधुनिकता के दौर में दीये अपनी अलग ही पहचान रखते हैं। ऊपर ये दीपावली
दीपक शर्मा, झज्जर :
आधुनिकता के दौर में दीये अपनी अलग ही पहचान रखते हैं। ऊपर ये दीपावली का मौका हो तो मिट्टी के दीये की अहमियत और भी बढ़ जाती है। खास बात यह है कि झज्जर की मिट्टी से बने दीये देश के प्रमुख नगरों ही नहीं आधा दर्जन प्रदेशों में भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं। जिसके लिए अभी से स्थानीय बाजार में तेजी से काम चल रहा है। कहा जा सकता है कि झज्जर के दीये दीपावली पर लाखों लोगों के घरों को रोशन करेंगे। बॉक्स : कुछ बरस पहले की बात हो तो दीपावली पर लोग घरों को रोशन करने के लिए चाइनीज लाइटों का इस्तेमाल करते थे। इससे दीयों की मांग भी कम होती जा रही थी। लेकिन, जब से मिट्टी से जुड़े उत्पादों का इस्तेमाल करने एवं चाइनीज सामान का बहिष्कार किए जाने का मामला ज्यादा चर्चा में आने लगा है, के बाद से दीये की फिर से मांग बढ़ी है। जिसका मूल कारण लोगों की सोच में बदलाव आना भी माना जा रहा है। लोगों ने चाइनीज आइटमों को छोड़कर मिट्टी से बने दीयों को अपनाना शुरू कर दिया है। मौजूदा समय में पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक दीयों की मांग है। जिससे कुम्भकार वर्ग को फायदा मिलेगा। मुख्यत: कुम्भकार वर्ग दिवाली पर दीये बनाकर लोगों के घरों को रोशन करने के साथ खुद के घर को भी रोशन करते हैं। झज्जर के कुम्भकार आसपास के गांवों से मिट्टी लाकर दीये तैयार कर रहे हैं। ढाई करोड़ दीये होते हैं सप्लाई
झज्जर में करीब 100-150 कारीगर है, जो दीये बनाते हैं। दिवाली पर बिकने के लिए झज्जर से देशभर के अनेक प्रदेशों में इस बार करीब ढाई करोड़ दीये सप्लाई होंगे। वहीं करीब 30 हजार रंग-बिरंगे दीये भी भेजे जाएंगे। कई प्रदेशों में सप्लाई होते हैं झज्जर के दीये
झज्जर से दीये हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली व पंजाब के अलावा अन्य बड़े शहरों में भेजे जाते हैं। साथ ही दिवाली के मौके पर यहां के दीयों के मांग अधिक रहती है। बाक्स :
दीये बनकर तैयार हो चुके हैं। अब दिवाली पर घरों को रोशन करेंगे। देशभर के कई प्रदेशों में यहां से दीये भेजे जाते हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले मांग बढ़ी है।
राष्ट्रीय अवार्डी इंद्रपाल खोहाल
कुम्भकार, झज्जर।