किन्हीं परिस्थितियों में साझा नहीं करें बैंक से जुड़ी कोई जानकारी : डबास
जैसे ही ये जानकारी साइबर अपराधियों को मिलती है वे संबंधित व्यक्ति के खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
जागरण संवाददाता, झज्जर : साइबर क्राइम से बचाव के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए जिला पुलिस द्वारा चलाया जा रहा विशेष जागरूकता पाठशाला अभियान लगातार जारी है। इस कड़ी में आमजन को साइबर अपराध/ठगी से बचाव के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झज्जर भारती डबास ने बताया कि साइबर अपराधी बैंक व भारतीय रिजर्व बैंक अधिकारी बन कर लोगों को फोन करते हैं और उनसे कहते हैं कि उनका एटीएम कार्ड ब्लाक हो गया है या उनका केवाईसी अपडेट नहीं है या उनका आधार बैंक खाते से जुड़ा हुआ नहीं है, इसलिए उनका खाता ब्लाक किया जाएगा। फिर आधार को बैंक खाते से जोड़ने, केवाईसी अपडेट कराने, या नया एटीएम कार्ड शुरू करने के बहाने उनसे उनके खाते से जुड़ी गोपनीय जानकारी जैसे एटीएम नंबर, सीवीवी नंबर व ओटीपी इत्यादि जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। जैसे ही ये जानकारी साइबर अपराधियों को मिलती है, वे संबंधित व्यक्ति के खाते से पैसे निकाल लेते हैं। उन्होंने साइबर क्राइम/आनलाइन ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। - साइबर क्राइम अथवा किसी भी प्रकार की आनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए ध्यान रखें कि बैंक कभी भी एटीएम नंबर, सीवीवी नंबर व ओटीपी इत्यादी गोपनीय जानकारी की मांग नहीं करता।
- व्हाट्सएप मैसेज, फोन या अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से कभी भी किसी को एटीएम नंबर, सीवीवी नंबर या ओटीपी इत्यादी गोपनीय जानकारी साझा ना करें।
- ई-मेल आइडी को भी साझा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसका उपयोग कर साइबर अपराधी इंटरनेट बैंकिग को एक्टिवेट करके खाते में उपलब्ध राशि को हस्तांतरित कर सकते हैं।