बाबा कांशीगिरि के भजनों पर थिरके भक्तजन
जागरण संवाददाता, झज्जर : मंदिर बाबा कांशीगिरि में भक्ति और शक्ति के अनूठे संगम के रूप मे
जागरण संवाददाता, झज्जर : मंदिर बाबा कांशीगिरि में भक्ति और शक्ति के अनूठे संगम के रूप में जारी चार दिवसीय 72वां वार्षिकोत्सव रविवार को समाप्त हो गया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर दिल्ली, रोहतक, गुरुग्राम, सोनीपत आदि दूर-दराज के क्षेत्रों से बाबा कांशीगिरि के भक्तों ने यहां पहुंचकर बाबा के प्राचीन डंडे का आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंदिर के संरक्षक शिवराज मदान ने की। दिन भर चले कार्यक्रम के बाद मंदिर प्रांगण में ही कई कुश्तियां भी करवाई गई। समापन कार्यक्रम की शुरुआत पूर्णाहूति यज्ञ से हुई । जिसमें मंदिर के पुरोहित पवन कौशिक के वैदिक मंत्रों के बीच भक्तजनों ने आहूति डाली। वहीं मंदिर की महिला मंडली व विख्यात कलाकार योगेश रंजन की मंडली ने बाबा के मधुर भजनों का समां बांधा। बाबा की मस्ती में मस्त भक्तजन इन भजनों के दौरान ढोल की थाप पर खूब थिरके। वहीं अविभाजित हिन्दुस्तान से ही बाबा कांशीगिरि से जुड़े संरक्षक शिवराज मदान ने भक्तों के बीच अपने अनुभवों को साझा करते हुए मेले के आयोजन की इस परंपरा को बरकरार रखने का आह्वान किया। वहीं भक्तों ने बाबा की महाआरती हुई जिसमें भक्तों ने लंबी कतारों में लगकर बाबा की आरती करते हुए पवित्र पावन डंडे का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। परंपराओं का निर्वहन करते हुए मंदिर प्रांगण में देर शाम कुश्तियों का आयोजन भी हुआ।
रविवार को मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन भी हुआ। जिसमें सामाजिक संस्था आप और हम से जुड़े युवाओं ने प्रधान पवन अरोड़ा के नेतृत्व में लंगर वितरण की जिम्मेवारी संभाली। उधर, कार्यक्रम समापन पर दिल्ली से आए विशिष्ट अतिथि नरेंद्र मदान व वेदप्रकाश नागपाल ने मंदिर कमेटी के प्रयासों की सरहाना करते हुए इस प्राचीन परंपरा को बखूबी बरकरार रखते हुए भावी पीढि़यों को भी इससे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
इस मौके पर मंदिर संरक्षक वीके नरुला, डा. गौतमप्रकाश आर्य, महासचिव वासुदेव नंदा, वीके शर्मा, डा. शंकरलाल ग्रोवर,पदम खट्टर, आशीष चावला, हिमांशु हंस, संतलाल बुद्धिराजा, राधेश्याम भाटिया, डा. अशोक नागपाल, बोधराज ग्रोवर, मुकेश अरोड़ा, सुभाष वर्मा, किशनचंद बतरा, ¨प्रस सेठी, श्रवण मदान, जगदीश मदान, रामलाल कपूर, पंचनद महासचिव सतीश धींगड़ा सहित अन्य कई सदस्यगण उपस्थित रहे।