देसी कपास की खेती, लागत कम मुनाफा ज्यादा, 31 तक करना होगा आवेदन
जागरण संवाददाता झज्जर देसी कपास की खेती को अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। इस
जागरण संवाददाता, झज्जर : देसी कपास की खेती को अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। इसकी खेती के दौरान बहुत कम पानी की जरूरत पड़ती है और बाजार में देसी कपास का भाव सामान्य कपास के मुकाबले अधिक रहता है। हरियाणा सरकार की ओर से भी देसी कपास की खेती करने वाले किसान को प्रति एकड़ तीन हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. इन्द्र सिंह ने बताया कि देसी कपास एक ऐसी किस्म है जिसको उगाकर किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती के दौरान फसल को काफी कम पानी की जरूरत होती है जिससे किसान का खर्च भी कम होता है। यही नहीं बाजार में इस देसी कपास की कीमत सामान्य किस्म से काफी अधिक रहती है। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से भी देसी कपास की खेती को अपनाने वाले किसान को प्रति एकड़ के हिसाब से तीन हजार रुपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। ऐसे में किसान देसी कपास को अपनाकर दोगुना फायदा उठा सकते हैं। हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण और खेती में किसानों की लागत को कम करने के उद्देश्य से देसी कपास की फसल बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। योजना के लिए आगामी 31 मई तक आवेदन किया जा सकता है। योजना का लाभ लेने वाले किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। इस योजना से ना केवल फसल विविधता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि फसल में कीटों से होने वाले नुकसान की भी कम संभावना होगी।