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सीएचसी, पीएचसी पर हो रही कोरोना सैंपलिग, गंभीर मरीजों को भेज रहे कोविड अस्पताल में

मौजूदा समय में सीएचसी स्तर पर ओपीडी करीब 100 तक पहुंच गई है। सीएचसी के अंतर्गत आने वाली पीएचसी के स्टाफ को भी जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल एवं कोविड अस्पतालों में रोस्टर के तहत लगाया जा रहा हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 07:10 AM (IST)
सीएचसी, पीएचसी पर हो रही कोरोना सैंपलिग, गंभीर मरीजों को भेज रहे कोविड अस्पताल में
सीएचसी, पीएचसी पर हो रही कोरोना सैंपलिग, गंभीर मरीजों को भेज रहे कोविड अस्पताल में

जागरण संवाददाता, झज्जर : मौजूदा समय में सीएचसी स्तर पर ओपीडी करीब 100 तक पहुंच गई है। सीएचसी के अंतर्गत आने वाली पीएचसी के स्टाफ को भी जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल एवं कोविड अस्पतालों में रोस्टर के तहत लगाया जा रहा हैं। कोविड के गंभीर मरीजों के लिए अब 150 बेड का नया अस्पताल जिला प्रशासन की ओर से व‌र्ल्ड मेडिकल कॉलेज में चालू किया गया हैं। जिसमें विभाग से जुड़ा स्टॉफ चिकित्सीय सेवाएं दे रहा है। साथ ही जिला मुख्यालय स्थित सिविल अस्पताल में 25 बेड तथा बहादुरगढ़ स्थित अस्पताल में 35 कोविड के मरीजों के लिए व्यवस्था की गई हैं। विभाग की ओर से तैयार किए गए इन सभी बेड पर ऑक्सीजन का व्यापक इंतजाम है। ताकि, संसाधनों के अभाव में अब मरीजों को परेशानी नहीं हो हो।

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जिला में कुल 6 पीएचसी में 10-10 बेड की व्यवस्था बॉक्स : जिला के अंतर्गत डीघल, ढाकला, जमालपुर, दुबलधन, बादली और छारा में सीएचसी चल रही हैं। प्रारंभिक चरण में सभी सीएचसी में 10-10 बेड की मरीजों के लिए व्यवस्था की गई थी। लेकिन, कोविड के मरीजों को भर्ती करने तथा ओपीडी बढ़ने की स्थिति में तैनात स्टॉफ भी संक्रमण की जद में आने लगा। फिलहाल, सामान्य मरीजों को होम आइसोलेशन पर रखा जा रहा है। गंभीर मरीजों को विशेष तौर पर तैयार किए गए कोविड अस्पतालों में रेफर हो रहे हैं। ताकि, उपलब्ध स्टॉफ का बेहतर ढंग से सदुपयोग किया जा सके। रिकॉर्ड पर आए मरीजों को आशा वर्कर एवं आयुष विभाग का स्टॉफ किट एवं अन्य सामान घर पर ही पहुंचा रहा है। ऐसे सभी मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी चालू किया गया है। अस्पतालों में बढ़ रहे खांसी, जुकाम, बुखार के मरीज विक्की जाखड़, साल्हावास : ग्रामीण आंचल में भी इन दिनों स्थिति पेंचीदा होती जा रही हैं। कारण कि कोरोना का असर शहर के साथ-साथ गांवों में भी व्यापक स्तर पर देखने को मिल रहा है। शनिवार को जब जमालपुर स्थित सीएचसी का दौरा किया तो सामने आया कि ज्यादातर मरीज खांसी, जुकाम और बुखार से ग्रस्त आ रहे हैं। रोजाना करीब 100 का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा हैं। रेपिड एंटीजन किट से कोरोना की टेस्टिग की व्यवस्था है। दरअसल, जमालपुर सीएचसी के अंतर्गत 4 पीएचसी आती। जिसमें करीब 52 गांवों के मरीजों का इलाज हो रहा है। साल्हावास, बहु, मातनहेन और बिरोहड़ गांव से जुड़े मरीज यहां पर चिकित्सीय परामर्श के लिए पहुंचते हैं। मौजूदा समय में यहां पर दो एंबुलेंस हैं। लेकिन, एक एंबुलेंस कुछ दिन पहले नोगांव रोड पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जो कि रिपेयर के लिए गई हुई है। कोविड का अगर कोई गंभीर मरीज आता है तो उसे एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल में रेफर किया जाता है। एंबुलेंस में मरीजों के लिए ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था है। केंद्र में कुल 45 सिलेंडर की व्यवस्था है। सीएचसी में बिजली के लिए सोलर पैनल भी लगा हुआ है। जिसकी वजह से रात को भी दिक्कत नहीं आती। मौजूदा, समय में रोस्टर के हिसाब दिन और रात स्टॉफ की ड्यूटी लगी हुई है। प्रतिक्रिया : मौजूदा समय में प्राथमिकता लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा देने की है। 150 बेड के लिए नई व्यवस्था तैयार की गई हैं। साथ ही झज्जर एवं बहादुरगढ़ में 25 तथा 35 बेड की व्यवस्था है। जरूरत पड़ने पर इसे और भी बढ़ाया जा सकता है। डा. संजय दहिया, सिविल सर्जन, झज्जर


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